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नगर निगम सदन में फूटा पार्षदों का गुस्सा, अभद्रता के बाद अफसर को पीटा

जोनल अधिकारी राठौर का आरोप है कि पार्षद राजेश मालवीय ने गर्दन और चेहरे पर किया हमला। चेहरे पर नाखून पड़े के निशान। पार्षद ने किया मारपीट से इन्कार।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 10:57 AM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 11:49 AM (IST)
नगर निगम सदन में फूटा पार्षदों का गुस्सा, अभद्रता के बाद अफसर को पीटा
नगर निगम सदन में फूटा पार्षदों का गुस्सा, अभद्रता के बाद अफसर को पीटा

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। जनसमस्याओं को लेकर जनता का आक्रोश झेल रहे पार्षदों का गुस्सा शनिवार को नगर निगम सदन में दिखा। हंगामा इतना बढ़ा कि सदन खत्म होने के बाद रात दस बजे सीढ़ी से उतर रहे जोनल अधिकारी-एक मुनेंद्र सिंह राठौर और भाजपा पार्षदों से भिड़ंत हो गई। जोनल अधिकारी को धक्का दिया गया और उनके साथ मारपीट की गई।

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पार्षदों ने अधिकारी पर काम न करने और अभद्रता करने का आरोप लगाया। अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की माग को लेकर देर रात भाजपा पार्षद नगर विकास मंत्री के आवास पहुंच गए। जोनल अधिकारी राठौर ने बताया कि जब वह सीढ़ी से उतर रहे थे तो पार्षद रामकृष्ण यादव किसी बात पर नाराजगी जताने लगे। इसी दौरान पीछे से आ रहे पार्षद राजेश मालवीय ने उनकी गर्दन पर और किसी ने चेहरे पर हाथ मारा। चेहरे पर नाखून के निशान भी पड़ गए। पार्षद रामकृष्ण ने मारपीट से इन्कार किया। जबकि राजेश मालवीय का कहना है कि जोनल अधिकारी ने अभद्रता की और पार्षद रामकृष्ण का कॉलर पकड़ लिया था तो उन्होंने पीछे से पकड़ लिया। इससे पहले मौलवीगंज वार्ड के पार्षद मुकेश सिंह मोंटी ने मलबा न उठाए जाने पर कार्रवाई की माग की, लेकिन कार्रवाई न होने पर सदन से चले गए। अन्य पार्षद भी नाराज थे। हालांकि मेयर ने कार्रवाई का का आश्वासन दिया था।

सत्ता पक्ष ही आक्रोशित दिखा:

शनिवार को विपक्ष के बजाय सत्ता पक्ष (भाजपा) के पार्षदों का आक्रोश सदन में अधिक दिखा। हाल यह रहा कि नगर निगम और जलकल के अधिकारियों को कटघरे में खड़ा किया और आरोप लगाया कि साजिश के तहत सरकार की छवि खराब की जा रही है। भाजपा पार्षदों ने मेयर को भी निशाने पर लिया। भाजपा पार्षदों ने मेयर पर कार्यकारिणी के निर्णयों का पालन न कराने का आरोप लगाया। इंदिरानगर में नाला निर्माण में गड़बड़ी पर कोई कार्रवाई न होने से नाराज भाजपा पार्षद दिलीप श्रीवास्तव धरने पर बैठने जा रहे थे, जिन्हें दूसरे पार्षदों ने समझाकर वापस किया। वहीं, भाजपा के पार्षद मनोज अवस्थी ने नगर निगम के अधिशासी अभियंता एसके जैन की जूते से पिटाई करने की बात सदन में कही। आरोप था कि जलभराव होने पर पंप न चलने के लिए जैन ही जिम्मेदार थे और जनता उन्हें पीटना चाहती थी। भाजपा पार्षद कुमकुम राजपूत महाप्रबंधक जलकल एसके वर्मा की कार्यप्रणाली से इतनी नाराज दिखीं कि सदन छोड़कर जाने लगीं, जिस पर उन्हें वापस बुलाया गया। मुख्य अभियंता ने माफी मांगी :

नगर निगम में तेल घोटाले में एक आरोपी को बचाने और एक को दोषी देने की रिपोर्ट देने वाले मुख्य अभियंता (सिविल) एसपी सिंह को पार्षदों का भारी विरोध झेलना पड़ा। पार्षदों ने शहर के विकास की गति रोकने का दोषी भी मुख्य अभियंता को बताया और निलंबन की मांग की। पार्षदों ने इंदिरानगर में घटिया निर्माण का आरोप भी नगर अभियंता डीएस त्रिपाठी के साथ ही मुख्य अभियंता पर लगाया है। पार्षद दिलीप श्रीवास्तव ने तो नगर अभियंता डीएस त्रिपाठी को इंदिरानगर नाला निर्माण में गड़बड़ी का जिम्मेदार बताते हुए कार्रवाई की मांग की। पार्षद का इतने नाराज थे कि उन्होंने सदन में नगर अभियंता के बैठने पर आपत्ति जताते हुए मेयर पर भी निशाना साधा। विधायक पर जड़ा आरोप :

वहीं, राजाजीपुरम के कुंवर ज्योति प्रसाद वार्ड के पार्षद शिवपाल संवारिया ने आरोप लगाया कि एक विधायक ने राजाजीपुरम के एक पार्क को अपना कार्यालय बना लिया है।


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