लोहिया संस्थान में सीनियर और जूनियर डॉक्टरों में ठनी, उपस्थिति को लेकर हुआ बवाल
लोहिया संस्थान में मुख्यमंत्री के निरीक्षण के बाद वरिष्ठ डॉक्टरों ने जूनियर के साथ किया खेल निदेशक को भेजा ड्यूटी रोस्टर दिखाए फुटेज षडयंत्र का किया भंडाफोड़।
लखनऊ, जेएनएन। लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में सीनियर-जूनियर फैकल्टी के बीच ठन गई है। कारण, कई डॉक्टरों के ड्यूटी पर होने के बावजूद सीएम के निरीक्षण में अनुपस्थित दर्शाए जाना है। ऐसे में जूनियर संकाय सदस्यों ने निदेशक को पत्र के साथ-साथ ड्यूटी पर होने के कई साक्ष्य भी दिए हैं। साथ ही विभाग के सीनियर पर षडयंत्र के आरोप भी लगाए हैं।
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में केजीएमयू की तरह डॉक्टरों के बीच कलह बढ़ गई है। यहां के ऑब्स एंड गाइनी में सीनियर-जूनियर संकाय सदस्यों के बीच काफी दिनों से तनातनी की चर्चा चल रही है। वहीं कुछ विभागों में सीनियर के दर किनार कर जूनियर को विभागाध्यक्ष की कमान सौंपने को लेकर भी रस्साकसी चल रही है। लिहाजा, इसी खींचतान में बेपटरी हो रहीं इलाज की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने अचानक मुख्यमंत्री पहुंच गए। 27 मई को मुख्यमंत्री के निरीक्षण के अगले दिन प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने भी औचक दौरा किया। चर्चा है कि इस दौरान सीनियर डॉक्टर ने सीएम के निरीक्षण के दिन ऐसे डॉक्टरों को अनुपस्थिति बता दिया, जो कि ड्यूटी पर मौजूद रहे। ऐसे में शासन ने दो एसोसिएट प्रोफेसर व दो असिस्टेंट प्रोफेसर के अनुपस्थित होने की नोटिस जारी कर दी। वहीं डॉक्टरों को नोटिस मिलते ही वह भौचक्कें रह गए। उन्होंने अपनी अटेंडेंस, ड्यूटी रोस्टर व वीडियो फूटेज तक निदेशक को दिखा दिए। इसके बाद संस्थान प्रशासन का भी माथा ठनका। गैर हाजिर दिखाए गए एक डॉक्टर वेंटिलेटर पर ड्यूटी कर रहीं थीं। दूसरी लेक्चर व तीसरी टेली मेडिसिन में रोस्टर के मुताबिक तैनात थीं। वहीं एक डॉक्टर की ड्यूटी दूसरी शिफ्ट में पाई गई।
जो गैर हाजिर रहे, उन्हें नजरंदाज
जूनियर संकाय सदस्यों का आरोप है कि एक सीनियर द्वारा अनुपस्थित करने का षडयंत्र किया गया। ड्यूटी पर मौजूद लोगों की गलत जानकारी दे दी गई। वहीं जो निरीक्षण के वक्त ड्यूटी से डॉक्टर गायब थीं। उनकी सूचना छिपाई गई है।
लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने बताया कि शासन से चार डॉक्टरों की नोटिस आई थी। इन डॉक्टरों के जवाब आ गए हैं। उपस्थित डॉक्टर को अनुपस्थित कैसे बता दिया गया। इस संबंध में विभागाध्यक्ष से पूछा गया है।