विधान परिषद में अति पिछड़ों, अति दलितों को आरक्षण के मुद्दे पर हंगामा
अति पिछड़ों और अति दलितों को आरक्षण देने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एलान पर बुधवार को विधान परिषद में सपा सदस्यों ने हंगामा किया।
लखनऊ (जेएनएन)। अति पिछड़ों और अति दलितों को आरक्षण देने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एलान पर बुधवार को विधान परिषद में सपा सदस्यों ने हंगामा किया। उनका आरोप था कि सरकार इसके जरिये समाज में वैमनस्यता फैलाना चाहती है। इस मुद्दे पर सपा सदस्यों की अपने आसन के सामने नारेबाजी के कारण सभापति रमेश यादव को सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी, जिसे बाद में दस मिनट के लिए और बढ़ाया गया।
सपा के राज्यपाल कश्यप ने शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को औचित्य के प्रश्न के तहत उठाया। उन्होंने कहा कि देश की आबादी में जिनकी हिस्सेदारी 15 फीसद है, वे 85 प्रतिशत पदों पर काबिज हैं। इसका उदाहरण देश के शिक्षण संस्थाओं से लेकर न्यायपालिका और सरकारी क्षेत्रों में देखा जा सकता है। सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग से नौकरियां मिल रही हैं। उन्होंने भाजपा की केंद्र और राज्य सरकारों पर अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग को मिल रहे आरक्षण को समाप्त करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने अब तक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन नहीं किया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह पिछड़ों, अति पिछड़ों, दलितों, अति दलितों, आदिवासी और अति आदिवासी में आरक्षण के नाम पर झगड़ा और वैमनस्यता न फैलाकर उन्हें आबादी में उनकी हिस्सेदारी के हिसाब से आरक्षण दे।