सीएम योगी के बयान से नाराज विपक्षी काली पट्टी बांध पहुंचे, दोनों सदनों में विरोध
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से नाराज विपक्षी दलों के सदस्य विधानमंडल सदनों में काली पट्टी बांधकर पहुंचे और हंगामा किया।
लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान से नाराज विपक्षी दलों के सदस्य गुरुवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में बांह पर काली पट्टी बांधकर पहुंचे। विधानसभा में विपक्षी सदस्यों ने असंसदीय शब्दों को सदन की कार्यवाही से निकालने की मांग करते हुए हंगामा किया जिस पर अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने इस संबंध में विचार करने का आश्वासन देते हुए फैसला सुरक्षित किया। वहीं योगी के बयान से क्षुब्ध सपा सदस्यों के हंगामे के कारण विधान परिषद की कार्यवाही लगभग 35 मिनट स्थगित रही।
बुधवार को विधानसभा में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने बसपा को सपा से दूर रहने की सलाह दी थी। यह कहते हुए कि बार-बार ठोकर खाना समझदारी नहीं है। सांप का बच्चा सांप ही होगा, जब मौका मिलेगा तो डसेगा जरूर। गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल शुरू होते ही काली पट्टी बांध कर आए सपा, बसपा व कांग्रेस के सदस्यों ने खड़े होकर सदन की कार्यवाही रोकने की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। नेता विरोधी दल रामगोविंद चौधरी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने सदन में अपने भाषण के दौरान विपक्षी नेताओं को लेकर असंसदीय, अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया था। उनकी टिप्पणी सदन की कार्यवाही से बाहर की जानी चाहिए। बसपा के लालजी वर्मा व कांग्रेस के दल नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओं की तुलना जानवरों से करना दुर्भाग्यपूर्ण है। सपा के पारसनाथ यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री की ऐसी टिप्पणी दर्शाती है कि उनमें अनुभव की कमी है।
विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने असंसदीय भाषा का इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने कई बार अलग-अलग तुलनाएं कीं लेकिन बिना किसी का नाम लिए। जवाब पर उत्तेजित विपक्ष ने हंगामा शुरू किया तो विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने इस मसले पर अपना फैसला सुरक्षित करते हुए इस संबंध में विचार करने की बात कही।
उधर, विधान परिषद में नेता विरोधी दल अहमद हसन ने मुख्यमंत्री के बयान को अमर्यादित, अभद्र और असंसदीय बताया। इस पर अधिष्ठाता यज्ञदत्त शर्मा ने जैसे ही कहा कि उस सदन का मामला यहां मत उठाइये तो सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्य उत्तेजित होकर खड़े हो गए। सपा सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही लगभग 35 मिनट स्थगित रही।