डायरिया भी हो सकता है कोरोना का लक्षण, कोरोना संक्रमण को लेकर न पालें भ्रांतियां
कोरोना वायरस को लेकर न पालें भ्रांतियां करें गाइडलाइन का पालन निगेटिव रिपोर्ट आने पर भी 10 दिन रहे आइसोलेट।
लखनऊ, जेएनएन। किसी मरीज को यदि डायरिया हो जाए तो उसको सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि अब इस बीमारी को भी सरकार की नई गाइडलाइन में शामिल किया गया है। गाइडलाइन में शामिल कुछ बिंदुओं और लोगों में फैली भ्रांतियों को लेकर आरएमएल इंस्टीट्यूट के कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. मनीष सिंह ने जानकारी दी।
रिपोर्ट निगेटिव आए तब भी 10 दिन तक रहें सेल्फ आइसोलेट
डॉ. मनीष सिंह ने शुक्रवार को उन्होंने बताया कि अगर बुखार, खांसी, कफ, गले में खराश, स्वाद और सूंघने की ग्रंथियां काम न कर रहीं हों तो मरीज को तुरंत कोविड का टेस्ट कराना चाहिए। नई गाइडलाइन में डायरिया को भी शामिल किया गया है। इसलिए सरकार की ओर से बताई जा रहीं सभी गाइडलाइन का गंभीरता से पालन करना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति किसी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आता है और उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आती है तब भी उसे खुद को सेल्फ आइसोलेट कर लेना चाहिए। कई बार लक्षण देर से भी आते हैं इसलिए करीब आठ से दस दिन तक ऐसे लोगों को परिवार व समाज से दूरी बना लेनी चाहिए। साथ ही इस दौरान यदि कोई लक्षण दिखें या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत स्वास्थ विभाग को सूचना दें। वहीं, मास्क लगाना और शारीरिक दूरी बनाना भी जरूरी है।
भ्रांतियों से दूर रहें
डॉ. सिंह ने बताया कि कोरोना को लेकर बहुत सी भ्रांतियां भी हैं जैसे कि श्वांस रोकने का अभ्यास, गर्म पानी से स्नान से कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा, अभी तक ऐसी बातों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं दिया गया है। ऐसे में, भ्रांतियों से दूर रहना चाहिए। हालांकि, गर्म पानी की भाप लेने से एसिम्टोमेटिक मरीजों को जरूर लाभ मिलता है।