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UP News: डीजीपी डीएस चौहान बोले- विभागीय जांच में नियमावली का करें पालन, पुलिस आयुक्तों को मिले वित्तीय अधिकारी

यूपी डीजीपी डीएस चौहान ने पुलिस अधिकारियों को विभागीय जांच में नियमावली का पालन करने के न‍िर्देश द‍िए। उन्‍होंने कहा क‍ि नियमावली की अनदेखी से जांच और उसके निर्णयों में खामियां मिल रहीं है। वहीं यूपी के चार पुलिस आयुक्तों को वित्तीय अधिकारी मिल गए हैं।

By Prabhapunj MishraEdited By: Published: Tue, 20 Sep 2022 02:30 PM (IST)Updated: Tue, 20 Sep 2022 02:30 PM (IST)
UP News: डीजीपी डीएस चौहान बोले- विभागीय जांच में नियमावली का करें पालन, पुलिस आयुक्तों को मिले वित्तीय अधिकारी
UP News विभागीय जांच में नियमावली का करें पालन- डीजीपी डीएस चौहान

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पुलिस महानिदेशक डीएस चौहान ने उप्र अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दंड एवं अपील) नियमावली के तहत विभागीय कार्यवाहियों का निस्तारण और क्रियान्वयन के निर्देश दिए है। डीजीपी मुख्यालय की ओर से इस बारे में जारी आदेश में कहा गया है कि जांच अधिकारियों द्वारा नियमावली का अनुपालन न करने के कारण कई विभागीय जांचों और उनके आधार पर लिए गए निर्णय त्रुटिपूर्ण पाये गए हैं।

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अत: इस बारे में बाबत शासन की ओर से जारी किये गए दिशा-निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाए। आदेश के मुताबिक जिस अधिकारी ने प्रकरण की रिपोर्ट प्रस्तुत की हो, उसे जांच अधिकारी नामित नहीं किया जाना चाहिए। आरोपित कार्मिक को अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर दिया जाए।

यदि आरोपित कार्मिक कई बार सूचित करने के बावजूद बयान देने नहीं आता है तो उसे कितनी बार पत्र भेजा गया, इसका स्पष्ट उल्लेख जांच में किया जाए। आरोपित के बयान देने के लिए नहीं आने के आधार पर ही उसे उसे प्रारंभिक जांच में दोषी करार देना अनुचित है। केवल बयान के आधार पर ही दोषी करार देने की प्रवृत्ति से बचा जाए तथा साक्षियों के बयान भी दर्ज किये जाएं।

आरोपित को कारण बताओ नोटिस के साथ प्रारंभिक जांच रिपोर्ट की प्रति भी दी जाए। विभागीय कार्यवाही में दो माह से अधिक का समय नहीं लगना चाहिए और वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इसकी लगातार निगरानी की जानी चाहिए।

पुलिस आयुक्तों को मिले वित्तीय अधिकारी

प्रदेश के चार शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने के बाद वहां तैनात अधिकारियों के अधिकार भी बढ़ाए जा रहा है। इसी कड़ी में शासन ने पुलिस आयुक्तों समेत अन्य अधीनस्थ अधिकारियों को वित्तीय अधिकार प्रदान किए जाने का आदेश जारी किया है।

शासनादेश के अनुसार लखनऊ नगर, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर व वाराणसी पुलिस कमिश्नरी में तैनात अधिकारियों को विभागाध्यक्ष व कार्यालय अध्यक्ष के रूप में प्रशासनिक व वित्तीय अधिकार प्रदान किए गए हैं।

पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ नगर, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर व वाराणसी में पुलिस आयुक्त को विभागध्यक्ष, संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध व मुख्यालय को संपूर्ण पुलिस कमिश्नरेट का कार्यालयाध्यक्ष तथा पुलिस उपायुक्त (पुलिस अधीक्षक) को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में कार्यालयाध्यक्ष घोषित किया गया है। पुलिस कमिश्नरेट में तैनात, एडीजी, आइजी, डीआइजी व एसपी को वित्तीय व प्रशासनिक अधिकारी दिए गए हैं।

पुलिस विभाग में और तबादलों की तैयारी

पुलिस विभाग में जल्द और तबादले होंगे। झांसी व बरेली के एसएसपी को हटाए जाने के बाद कुछ और जिलों की कमान भी जल्द बदल सकती है। जोन व रेंज स्तर पर भी स्थानान्तरण को लेकर मंथन चल रहा है। आइपीएस के अलावा पीपीएस संवर्ग में भी तबादले किए जाएंगे।

बीते दिनों कई अपर पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक के कार्यक्षेत्र बदले जा चुके हैं। सूत्रों का कहना है कि कई जिलों में तैनात अपर पुलिस अधीक्षकों में भी फेरबदल की तैयारी है। इसके लिए अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है। शासन स्तर पर मंथन के बाद अंतिम निर्णय होगा। आने वाले दिनों में त्योहारों की सुरक्षा-व्यवस्था की चुनौती होगी। इसके दृष्टिगत भी पुलिस अपनी तैयारी कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम को लेकर दिए गए कड़े निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि जिन जिलों में महिलाअों के साथ गंभीर घटनाएं हुई हैं, वहां के अधिकारियों को भी जल्द इधर से उधर किया जा सकता है।


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