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शाहजहांपुर जेल में दुष्कर्म के दोषी आसाराम के नाम पर कैदियों को बांटे कंबल, डीजी जेल ने दिए जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिला कारागार में दुष्कर्म के दोषी आशाराम बापू के शिष्यों के कथित रूप से कंबल वितरण कार्यक्रम को लेकर जेल प्रशासन विवादों में घिर गया है। यह मामले के सुर्खियों में आने के बाद शासन ने जांच के आदेश दिए हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 04:54 PM (IST)
शाहजहांपुर जेल में दुष्कर्म के दोषी आसाराम के नाम पर कैदियों को बांटे कंबल, डीजी जेल ने दिए जांच के आदेश
आसाराम के नाम पर शाहजहांपुर जेल में कंबल वितरण मामले के डीजी जेल ने जांच के आदेश दिए हैं।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिला कारागार में दुष्कर्म के दोषी आशाराम बापू के शिष्यों के कथित रूप से कंबल वितरण कार्यक्रम को लेकर जेल प्रशासन विवादों में घिर गया है। यह मामले के सुर्खियों में आने के बाद शासन ने जांच के आदेश दिए हैं। डीजी जेल आनन्द कुमार ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर प्रभारी डीआइजी जेल आरएन पांडे को प्रकरण की जांच सौंपी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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शाहजहांपुर जिला कारागार में बंद कैदियों को आसाराम के शिष्यों की ओर से कंबल वितरण का मामला सामने आया है। यह मामला उस शहर का है जहां की लड़की के साथ दुष्कर्म का आरोप आसाराम बापू पर लगा है और वह इसकी सजा भुगत रहा है। बताया जा रहा है कि कैदियों को आसाराम की फोटो लगाकर कंबल बांटने के लिए आए थे। जेल में कैदियों को आसाराम बापू आश्रम की तरफ से कंबल बांटने पर पीड़ित के पिता ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पूरे मामले की जांच की मांग की थी। 

बता दें आसाराम ने 2013 में शाहजहांपुर की ही एक छात्रा से दुष्कर्म किया था। वर्ष 2018 में राजस्थान की जोधपुर कोर्ट ने इस मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। वह इसी केस में तब से जेल में बंद है। आसाराम पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली छात्रा शाहजहांपुर की रहने वाली है। लगातार आसाराम की छवि को अच्छा बनाने के लिए कई तरह के हथकंडे उसके समर्थक अपना चुके हैं।

जांच के बाद जेल प्रशासन पर होगी कार्रवाई : यह मामला सुर्खियों में आने के बाद डीजी जेल आनन्द कुमार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिला कारागार शाहजहांपुर में कथित रूप से आशाराम बापू के शिष्यों द्वारा कंबल वितरण कार्यक्रम और उनके महिमामंडन से संबंधित खबरें इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में हैं। इन पर तत्काल संज्ञान लेते हुए प्रभारी डीआइजी जेल आरएन पांडे को प्रकरण की जांच सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जेल प्रशासन ने जारी किया है प्रेस नोट : बता दें कि शाहजहांपुर जिला कारागार प्रशासन ने बाकायदा प्रेस नोट जारी कर कंबल वितरण कार्यक्रम को सरकारी बना दिया। इसमें बताया गया कि लखनऊ स्थित आसाराम बापू आश्रम की तरफ से कंबल भेजे गए हैं। हैरानी की बात यह है कि कैदियों को कंबल बांटने वाले अर्जुन और पुष्पेंद्र आसाराम केस में गवाह की हत्या के आरोपी हैं। ये दोनों इसी शाहजहांपुर जेल में बंद रहे हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। कंबल के अलावा कैदियों को भागवत गीता, नशे से सावधान, योगासन, तुलसी रहस्‍य, सुख, समृद्धि का आधार गाय समेत कई विषयों पर किताबें भी दी गई हैं।


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