पदभार ग्रहण कर लखनऊ जेल पहुंचे डीजी आनन्द कुमार, बंदियों से की बातचीत
यूपी की जेलों में सुरक्षा-व्यवस्था और बंदियों की बढ़ती मनमर्जी पर अंकुश की चुनौतियों के बीच 1988 बैच के आइपीएस आनन्द कुमार ने सोमवार को डीजी कारागार का पदभार संभाला।
लखनऊ, जेएनएन। यूपी की जेलों में सुरक्षा-व्यवस्था और बंदियों की बढ़ती मनमर्जी पर अंकुश की चुनौतियों के बीच 1988 बैच के आइपीएस आनन्द कुमार ने सोमवार को डीजी कारागार का पदभार संभाला। यह पहला मौका है, जब डीजी स्तर के अधिकारी को इस पद पर तैनाती दी गई है। वर्ष 2008 में पहली बार कारागार विभाग में आइजी के पद पर बतौर आइपीएस अधिकारी पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह की तैनाती हुई थी।
एडीजी कानून-व्यवस्था के पद पर करीब दो साल तैनात रहे आनन्द कुमार की बीते दिनों डीजी के पद पर पदोन्नति हो गई थी। बतौर डीजी उनकी यह पहली पोस्टिंग है। पदभार संभालने के बाद आनन्द कुमार सोमवार शाम लखनऊ जेल पहुंचे और वहां का निरीक्षण किया। बैरकों के साथ ही रसोईघर भी देखा। डीजी जेल ने बंदियों से बात कर उनकी समस्याएं भी जानने की कोशिश की।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों रायबरेली, गाजीपुर व अन्य जेलों में बंदियों के मुर्गा-शराब की पार्टियां करते तस्वीरें व वीडियो वायरल हुए थे। माफिया अतीक अहमद के गुर्गों ने युवक को अगवा कर देवरिया जेल में ले जाकर पीटा था। तब अतीक अहमद देवरिया जेल में ही बंद था। ऐसी घटनाओं ने जेलों की सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल खड़े किये थे। इन स्थितियों को देखते ही पहली बार कारागार प्रशासन में डीजी की तैनाती की गई है।
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