नवरात्र पर कांग्रेस मुख्यालय में प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने किया कन्या पूजन
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर ने छवि सुधारो अभियान के तहत नौ कन्याओं का पूजन किया और फलाहार कराया।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में देवी पूजन मंत्रों की गूंज और नवरात्र की अष्टमी की कन्याओं का पूजन, किसी के लिए भी चौंकाने वाली बात है। दरअसल नरम हिंदुत्व वाली छवि बनाने के लिए कांग्रेस अब हरएक टोटका आजमा रही है। बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने भी छवि सुधारो अभियान के तहत नौ कन्याओं का पूजन किया और फलाहार कराया।
पूजन के बाद प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने बताया कि कुछ तत्व कांग्रेस को वर्ग विशेष तक सीमित करने की साजिश में जुटे थे। इस दुष्प्रचार को बेअसर बनाने के लिए ऐसे कार्यक्रमों को खासतौर से प्रचारित कराया गया। उन्होंने बताया कि दफ्तर में ऐसे आयोजन हर वर्ष होते रहे है। ईद व होली मिलन का आयोजन किया जाता है और दीपावली पर रोशनी कर मिठाई बांटी जाती है, क्रिसमस पर केक काटने की परम्परा है। राजबब्बर ने दावा किया कि सेवादल हर वर्ष कन्या पूजन करता रहा है परंतु इस बार प्रचार ज्यादा किया गया। सेवादल कांग्रेस की सांस्कृतिक विंग है। जिसका गठन ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जवाब देने को किया गया था।
जिलों में भी फलाहार कार्यक्रम
कांग्रेस की छवि सुधारने को जिस तरह राहुल गांधी मंदिर दर्शन अभियान में जुटे है वैसे ही निचले स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम कराए जा रहे है। फलाहारी फार्मूला लागू करने का जिम्मा सेवादल संभाले है। प्रदेश सेवादल अध्यक्ष डा. प्रमोद पांडेय ने बताया कि सभी जिलों में फलाहार व कन्यापूजन के कार्यक्रम हुए। सेवादल स्वयंसेवक श्वेत गणवेश में प्रभात फेरियां निकालते है। राष्ट्रीय ध्वज पूजन कार्यक्रम भी कराए जाते है।
दिग्गज रहें गैरहाजिर
कांग्रेस दफ्तर मेंं आयोजित कन्या पूजन कार्यक्रम से वरिष्ठ नेताओं का गैरहाजिर रहना भी चर्चा में रहा। सांसदों व विधायकों में से केवल विधानपरिषद सदस्य दीपक सिंह ही कन्यापूजन कार्यक्रम में दिखे। प्रदेश प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद बुधवार को लखनऊ आए थे परंतु उनका पार्टी मुख्यालय नहीं आना कार्यकर्ताओं को भी अखरा।
महिलाओं ने राजबब्बर को घेरा
कांग्रेस मुख्यालय में एक ओर जहां कन्या पूजन कराया गया वहीं दूसरी ओर पार्टी दफ्तर से निकाले कर्मचारियों के परिजनों ने राजबब्बर का घेराव कर आक्रोश जताया। आरोप है कि वर्षो से कार्यालय परिसर में रह रहे करीब दो दर्जन परिवारों को निकाला जा रहा है। उनके आवासों की बिजली काट दी। 57 वर्षीय विमला कहना है कि उनके पति ड्राईवर थे, जबरन सेवानिवृत किए जाने के बाद उनका परिवार कहां जाए? प्रवक्ता ओंकार नाथ सिंह ने बताया कि सभी सेवानिवृत कर्मचारियों को नियमानुसार भुगतान किया गया है।