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उदीयमान सूर्य को व्रती महिलाओं ने दिया अर्घ्य, श्रद्धालुओं ने की समृद्धि की कामना

छठ महापर्व का समापन: लक्ष्मण मेला स्थल घाट समेत सभी घाटों पर जुटे श्रद्धालु। तहजीब के शहर में मुस्कुरा उठी परंपरा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 08:44 AM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 08:44 AM (IST)
उदीयमान सूर्य को व्रती महिलाओं ने दिया अर्घ्य, श्रद्धालुओं ने की समृद्धि की कामना
उदीयमान सूर्य को व्रती महिलाओं ने दिया अर्घ्य, श्रद्धालुओं ने की समृद्धि की कामना

लखनऊ, जेएनएन। गोमती नदी का तट बुधवार तड़के अंधेरे में भी जगमग हो उठा। सुबह चार बजे से यहां लक्ष्मण मेला स्थल स्थित घाट आतिशबाजी से जगमग हो गया। अपने घरों से निकलकर बड़ी संख्या में लोग पैदल ही सिर पर प्रसाद रखकर तट की ओर चल पड़े। दूरदराज के लोग ट्रैक्टर ट्राली और अन्य वाहनों से से सवार होकर स्थल पहुंचे। यहां पूजा अर्चना के बाद व्रत धारण करने वाली महिलाएं गोमती नदी में उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के लिए उतरीं। छठ मैया के पारंपरिक गीत हर तरफ गूंज रहे थे तो नदी की लहरों में तैरता दीया भी देखते ही बन रहा था। ढोल नगाड़ों के बीच युवा थिरक रहे थे। इंतजार खत्म हुआ तो सूर्य की लालिमा अंबर में फैली। जिसे देख महिलाओं ने गंगाजल और दूध से अघ्र्य देकर अपना व्रत पूरा किया और फिर उसका पारण भी किया। 

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सूर्योदय से पहले ही घाटों पर उत्सव जैसा माहौल हो गया। उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देकर महिलाओं ने परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। सिर पर रखी टोकरी और सूप में जलता दीपक छठ मइया के प्रति आस्था और विश्वास का उजाला चारों तरफ फैला रहा था। कुछ महिलाएं तो पहले से ही घाट पर मौजूद थीं तो दूसरी ओर दूर से आई महिलाएं उजाला होने से पहले घाटों पर अपनी दस्तक दे चुकी थीं। घाट पर लगी रेलिंग के भीतर ही श्रद्धालुओं ने गोमती नदी में पानी में उतरकर अर्चना की। 

ऐसे भक्तिमय हुआ गोमती तट 
स्वर्ग से उगीं न सूरुजमल करीं न अजोर, करीं अरजी तोहार..., केरवा फरेला घवद से ओहे पे सुगा मंडराय... और देवी मइया सुन ला अरजिया हमार...जैसे पारंपरिक गीतों से भोर में व्रतियों का दल पूजन स्थल आने लगा था। घाटों पर पूरब की ओर मुंह करके खड़ी व्रती महिलाएं टकटकी लगा उगते सूर्य से जल्दी उगने की कामना कर रही थीं। धीरे-धीरे भरी कोसी और सूप-सुपली के साथ कमर भर पानी में जा उतरीं। संतान सुख और पति की दीर्घायु के साथ सुख-समृद्धि की कामना लिए गुरुवार की रात से ही व्रती महिलाएं उगते सूर्य को दूसरा अघ्र्य देने को आतुर दिखीं। सूर्योदय पर महिलाओं ने उगते सूर्य को अघ्र्य दिया। घर पर वापस लौटने के साथ ही प्रसाद वितरण कर चार दिवसीय महाव्रत का पारण किया। प्रसाद ग्रहण करने के पहले व्रती महिलाओं ने घर पर भी छठी मइया की पूजा-अर्चना की। 

सुरक्षा के इंतजाम
लक्ष्मण मेला स्थल तट पर श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ रही। यहां आसपास यातायात को नियंत्रित किया गया। नदिया किनारे से तट तक वाहनों को जाने का रास्ता दिया गया। जो कि गोमती रिवर फ्रंट होकर था। वाहनों के खड़ा करने के लिए समुचित इंतजाम किए गए। पुलिस के साथ पीएसी को सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किया गया। जबकि पीएसी के जवानों ने मोटरचालित नावों से हर पल स्थिति पर नजर बनाए रखी। 

यहां भी जुटीं महिलाएं 
कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी सेक्टर-एफ स्थित शनि मंदिर परिसर में भी महिलाओं ने उगते सूर्य को अघ्र्य दिया। कृष्णानगर के मानसनगर में संकट मोचन हनुमान मंदिर परिसर, झूलेलाल पार्क, श्री खाटू श्याम मंदिर घाट, शिव मंदिर घाट खदरा, राजाजीपुरम, सैसोबीर मंदिर, भोलाखेड़ा, मुंशी पुलिया मानस इंक्लेव, कठौता झील, निशातगंज, साउथ सिटी के रत्नाकर खंड व मवैया समेत रेलवे कॉलोनियों में भी छठ मइया की पूजा अर्चना की गई।


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