Move to Jagran APP

मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद लखनऊ के इन अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं, जानें-क्या है पूरा मामला

मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद दैनिक जागरण के अभियान में मानकों के विपरीत मिले 19 अवैध ट्रामा सेंटरों और अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम ने सीलिंग की कार्रवाई तो कर दी लेकिन रायबरेली रोड पर चल रहे दर्जनों अस्पतालों को नोटिस तक जारी नहीं किया गया।

By Vikas MishraEdited By: Published: Wed, 10 Nov 2021 06:45 PM (IST)Updated: Wed, 10 Nov 2021 10:01 PM (IST)
मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद लखनऊ के इन अस्पतालों पर कार्रवाई नहीं, जानें-क्या है पूरा मामला
ऐसे अस्पताल अंधाधुंध कमाई के चक्कर में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद दैनिक जागरण के अभियान में मानकों के विपरीत मिले 19 अवैध ट्रामा सेंटरों और अस्पतालों पर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की टीम ने सीलिंग की कार्रवाई तो कर दी, लेकिन रायबरेली रोड और शहीद पथ पर मानकों के विपरीत चल रहे दर्जनों ट्रामा सेंटरों और अस्पतालों का न तो अब तक निरीक्षण किया गया और न ही उन्हें कोई नोटिस दिया गया।

loksabha election banner

लिहाजा, इन क्षेत्रों में बेसमेंट और एक दो कमरों में कुकुरमुत्ते की तरह फैले फर्जी ट्रामा सेंटर और अस्पताल अभी भी धड़ल्ले से मरीजों की भर्ती कर रहे हैं और इलाज के नाम पर मोटी रकम की उगाही कर रहे हैं। ऐसे अस्पताल अंधाधुंध कमाई के चक्कर में मरीजों की जान से खिलवाड़ करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

शहीदपथ और रायबरेली रोड पर ये अस्पताल मिले थे मानक के विपरीत

  • पनेशिया हॉस्पिटल
  • वेलसन मेडिसिटी
  • स्कोप हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर
  • विद्यावती हॉस्पटिल एंड ट्रामा सेंटर
  • परफेक्ट हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर
  • सिग्मा हॉस्पटिल एंड ट्रामा सेंटर
  • न्यू कृष्णा हॉस्पिटल
  • संजीवनी हॉस्पटिल
  • वरदान हॉस्पिटल
  • राम आसरे हॉस्पटिल एंड ट्रामा सेंटर
  • उदय हॉस्पिटल
  • भारती नर्सिंग होम
  • साउथ सिटी हॉस्पिटल
  • सूर्या हॉस्पिटल
  • साईं हॉस्पिटल 

ये थी कमियां: ट्रामा के नाम पर चल रहे इन अस्पतालों में सीटी स्कैन, एमआरआइ, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे, आइसीयू, वेंटिलेटर, आक्सीजन, ऑपरेशन थिएटर, एंबुलेंस, ब्लड बैंक, पैथालॉजी जैसी आधारभूत सुविधाएं नहीं थी। अस्पतालों में न्यूरो, आर्थो, नेफ्रो, यूरो, क्रिटिकल केयर मेडिसिन इत्यादि के डाक्टर भी नहीं थे। मगर अस्पतालों के बोर्ड पर न्यूरो, आर्थो, यूरो, नेफ्रो, फिजीशियन समेत दर्जनों डाक्टरों के नाम व सभी सुविधाओं का जिक्र था। कई ट्रामा सेंटर में तो आठवीं पास ऑफिस ब्व़ॉय और बीएससी, नर्सिंग व एमबीबीएस के छात्र मरीजों का इलाज कर रहे थे।

इन सभी अस्पतालों के खिलाज जांच और निरीक्षण के लिए टीम का गठन किया जा रहा है। जल्द ही औचक छापा मारकर मानक के विपरीत चल रहे अस्पतालों को सील किया जाएगा। -डा. एपी सिंह, एसीएमओ, लखनऊ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.