COVID-19 Situation in Lucknow: डिप्टी CMO का फोन 'अभी सेवा में नहीं है....कई अस्पतालों में बंद हुई कोविड की जांच
दरअसल पूरे शहर में कोरोना संक्रमण की जांच का जिम्मा एक ही डिप्टी सीएमओ एमके सिंह के पास है। पीजीआइ में जांच रिपोर्ट आन में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। बलरामपुर चिकित्सालय में जांच बंद हो गई है तो सिविल अस्पताल में कम जांच हो पा रही है।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की अधिक से अधिक जांच कराने का दावा खोखला साबित हो रहा है। आधी-अधूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरी सीएमओ की टीम ने पूरे शहर को परेशान कर रखा है। जांच ही नहीं हो रही है। अब कौन किसे शिकायत करें? यह भी बड़ा सवाल है। कोरोना संक्रमण की जांच के लिए जिम्मेदार डिप्टी सीएमओ एमके सिंह का मोबाइल फोन ही रिसीव नहीं होता है और मोबाइल फोन मिलाने पर एक ही आवाज सुनाई देती है कि अभी यह सेवा उपलब्ध नहीं है।
शहर में थम गई कोरोना संक्रमण की जांच के कारण तमाम लोग लक्षण होने के बाद भी परेशान है और घर में ही कैद हैं। निजी चिकित्सालय जांच के लिए तीन हजार तक की मांग कर रहे हैं।
दरअसल पूरे शहर में कोरोना संक्रमण की जांच का जिम्मा एक ही डिप्टी सीएमओ एमके सिंह के पास है। पीजीआइ में जांच रिपोर्ट आन में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है तो लोहिया चिकित्सालय का भी यही हाल है। बलरामपुर चिकित्सालय में जांच बंद हो गई है तो सिविल अस्पताल में कम जांच हो पा रही है।
सात दिन में नहीं आई रिपोर्ट: आलमबाग जयप्रकाश नगर निवासी अंकुश श्रीवास्तव ने चौदह अप्रैल को सिविल अस्पताल में कोरोना संक्रमण की जांच कराई थी, लेकिन 21 अप्रैल तक जांच रिपोर्ट नहीं मिल पाई थी। उनका कहना है कि पोर्टल पर बस इतनी ही जानकारी दी जा रही है कि जांच रिपोर्ट वेटिंग में है। ऐसे में खुद और परिवार की सुरक्षा को लेकर अलग रहना पड़ रहा है और दवा भी नहीं खा पा रहे हैं।