लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि जिन मनरेगा श्रमिकों ने 100 दिन का काम कर लिया है, उनका श्रम विभाग के पोर्टल पर अभियान चलाकर पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराया जाए। इसमें संबंधित गांव के रोजगार सेवक उनकी मदद करेंगे। श्रम विभाग के पोर्टल पर श्रमिकों का पंजीकरण होने से उनका बिना प्रीमियम दिए दो लाख का बीमा हो जाता है, बच्चों की शिक्षा, इलाज, मातृत्व योजना व राज मिस्त्री प्रशिक्षण आदि की सुविधाएं मिलने लगती हैं।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में ग्राम्य विकास विभाग की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर मनरेगा श्रमिकों से कहा किसी भी देश के विकास में मजदूरों का बहुत बड़ा योगदान होता है, क्योंकि देश को बनाने की नींव मजदूर ही रखते हैं। मजदूरों का न केवल सम्मान करना है, बल्कि उन्हें अधिकारों के प्रति जागरूक भी करना है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा सबसे बड़ा सामाजिक कल्याण कार्यक्रम है, इससे गांवों के लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में कामयाबी मिली है। अब तक मनरेगा के तहत 11 लाख 37 हजार श्रमिकों का श्रम विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण हो चुका है। प्रदेश में 34419 महिला मेट चयनित हैं और 19000 महिला मेटों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, ताकि वे सशक्त व स्वावलंबी बने।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षित जीवन के लिए पौधारोपण अनिवार्य है, मनरेगा के तहत 2022-23 में 12 करोड़ 32 लाख पौधेरोपित करने का लक्ष्य रखा गया है, सभी पौधे जरूर लगाएं और उनकी सुरक्षा अपनों बच्चों की भांति करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत नदियों के जीर्णोद्धार व पुनरुद्धार का भी कार्य प्रदेश में कराया जा रहा है।
कहा प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत के नारे को साकार करना है। 21 जून को योग दिवस मनाया जाना है, इससे पहले स्कूलों और खेलों के मैदानों को मनरेगा के तहत व्यवस्थित करा लिया जाए। सरकार का लक्ष्य है कि मजदूरों के जीवन में खुशहाली आए और इसीलिए सबसे निचले पायदान पर खड़े लोगों के घर में पीने का पानी, शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन आदि सब दिया गया है और आगे भी दिया जाता रहेगा।
10 श्रमिक सम्मानित : उपमुख्यमंत्री ने लखनऊ गोसाईगंज की बृजबाला, हरदोई संडीला की रानी, सीतापुर खैराबाद की निर्मला, रायबरेली बछरावां के राजेश कुमार, अमेठी शुकुल बाजार के श्रीकृष्ण, सुलतानपुर बल्दीराय के नत्थू, बाराबंकी निंदूरा के दयाशंकर, उन्नाव हसनगंज के शंभू, अयोध्या रुदौली की तारावती, लखीमपुर खीरी पलिया की अनोखा को पुरस्कृत किया। पांच श्रमिकों से संवाद करके उनके अनुभव जाना।