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उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अधि‍कार‍ियों को न‍िर्देश, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मार्गों की गुणवत्ता की त्रिस्तरीय जांच

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांव में बनने वाली सड़कों का अब तीन स्‍तरीय क्‍वाल‍िटी चेक क‍िया जाएगा। उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने आधि‍कारियों को न‍िर्देश देते हुए कहा क‍ि सड़कों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने से अच्छे परिणाम म‍िलेंगे।

By Prabhapunj MishraEdited By: Published: Sat, 09 Jul 2022 11:40 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jul 2022 11:40 AM (IST)
उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के अधि‍कार‍ियों को न‍िर्देश, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मार्गों की गुणवत्ता की त्रिस्तरीय जांच
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में मार्गों की गुणवत्ता की त्रिस्तरीय जांच- ड‍िप्‍टी सीएम केशव मौर्य

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों में निर्धारित मानकों व गुणवत्ता की त्रिस्तरीय जांच कड़ाई से की जाए। इस व्यवस्था से सड़कों के निर्माण कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने के अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे।

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल अटल बिहारी बाजपेयी के समय शुरु हुई थी योजना: उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से पीरियाडिकल रिन्यूवल और सड़कों के उच्चीकरण आदि का कार्य जनता को आवागमन की बेहतर सेवाओं को उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 25 दिसंबर, 2000 को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में किया गया था।

राज्‍य सरकार देगी सड़कों के रख-रखाव के ल‍िए बजट: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। इस वर्ष प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में 7373.71 करोड़ की धनराशि के बजट का प्रविधान किया गया है, जिसके सापेक्ष अब तक 629.14 करोड़ की धनराशि खर्च की चुकी है। उन्होंने कहा कि इस योजना में निर्मित मार्गों के पांच वर्ष तक रखरखाव (अनुरक्षण) की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की होती है। इसका बजट राज्य सरकार की ओर से वहन किया जाता है।

फुल डेप्थ रेक्लेमेशन तकनीक से हो रहा तेजी से कार्य: इस योजना में गुणवत्ता की त्रिस्तरीय जांच कड़ाई से होगी, जिससे सड़कों की गुणवत्ता बनी रहे। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में प्रयागराज, चित्रकूट, आगरा, हाथरस, मैनपुरी, हमीरपुर व झांसी में कुल नौ मार्गों पर फुल डेप्थ रेक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक पर कार्य तेजी से कराए जा रहे हैं। इस तकनीक पर नौ मार्गों को एफडीआर तकनीक पर कराए जाने का कार्य पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लिया गया था।

सड़क न‍िर्माण से गांवोंं की शहरों से बढ़ेगी कनेक्टिविटी: बता दें क‍ि कुछ द‍िन पूर्व ग्राम्य विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने कहा था कि गांवों की सड़कें इस तरह से बनाएं कि वे ग्रामीण हाईवे नजर आएं। सभी अभियंता पूरी इच्छाशक्ति के साथ काम करें और सड़कों के निर्माण कार्य के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करें। प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाकर गांवों को और अधिक सशक्त और मजबूत बनाना है।

पीएम ग्राम सड़क योजना में क्‍वाल‍िटी पर फोकस: उन्‍होने कहा था क‍ि ग्रामीण सड़कों विशेषकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों को हमें पूरी गुणवत्ता के साथ करना होगा, इसमें गुणवत्ता समयबद्धता, मानकों और मापदंडों का निर्माण कार्यों में विशेष रूप से ध्यान रखा जाए। कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार स‍िंंह ने कहा कि ग्रामीण ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने लंबा रास्ता तय करते हुए 50 वर्ष पूरे किए हैं इसका अच्छा और बेहतर संदेश समाज में जाना चाहिए। काम की पद्धति और रफ्तार अच्छी होगी तो काम की कोई कमी नहीं होगी। 

स‍िंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक से बने सड़कें: इंजीनियर न केवल सुपरवाइजरी का काम करें, बल्कि अपने सामने सड़क पर खड़े होकर कार्य कराएंगे तो बहुत ही अच्छे काम होंगे। प्रमुख सचिव ग्रामीण अभियंत्रण विभाग कल्पना अवस्थी ने कहा स‍िंगल यूज वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग करके सड़कें बनाने के कार्य किए जाएं तो ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को ग्रामीण क्षेत्र के अलावा शहरी क्षेत्रों, नगरीय निकायों में भी काम मिल सकता है। इस ²ष्टिकोण से हमें अपने काम को आगे बढ़ाना है।


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