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कुटुंब के साथ अपनी माटी तक पहुंचे उप मुख्यमंत्री, 1857 में पिता के परदादा ने छोड़ा था गाव

जड़ों की खोज: जागुवास गाव में मिली 11 पीढि़यों के बारे में जानकारी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Jul 2018 11:07 AM (IST)Updated: Tue, 10 Jul 2018 11:07 AM (IST)
कुटुंब के साथ अपनी माटी तक पहुंचे उप मुख्यमंत्री, 1857 में पिता के परदादा ने छोड़ा था गाव
कुटुंब के साथ अपनी माटी तक पहुंचे उप मुख्यमंत्री, 1857 में पिता के परदादा ने छोड़ा था गाव

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा पुरखों के गाव तक पहुंच ही गए। काफी समय से अपने पुरखों के गाव के बारे में जानकारी जुटाने में लगे शर्मा को आखिरकार सफलता मिल गई। वे तीन दिन पूर्व कुटुंब के 70 लोगों के साथ राजस्थान के जागुवास गाव पहुंच गए। उनके पिता के परदादा ने 1857 में जागुवास को छोड़ा था और उसके बाद परिवार गाव से अनजान हो गया था।

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डॉ.शर्मा ने अपने पिता से यह सुना था कि उनका गाव राजस्थान के जागुवास में है, लेकिन उसका पता नहीं चल पा रहा था। झुंझुन, सीकर, और जैसलमेर में भी गाव का पता नहीं चला तो दिनेश शर्मा ने कोशिश नहीं छोड़ी। शर्मा कहते हैं कि राजस्थान के एक कार्यक्रम में उन्होंने जागुवास गाव के बारे में जानकारी मागी थी। अखबारों में उनकी यह बात छपी तो जागुवास गाव के बारे में जानकारी मिल गई। यह गाव बहरोड़ जिले के अलवर तहसील में था। पुरखों के गाव जाने का कार्यक्रम बनाया तो वहा खुशी का माहौल हो गया। गाव वालों के फोन आने लगे तो उन्होंने पूरे परिवार के साथ गाव जाने का निर्णय लिया।

शहनाई के साथ बैंडबाजे से हुआ भव्य स्वागत:

जागुवास गाव जाने वाली सड़क को सजाया गया तो वह लोग भी बाहर से आ गए, जो कभी वहां रहते थे। शहनाई के साथ स्वागत में बैंडबाजे का इंतजाम था। जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। डॉ. शर्मा के साथ ही उनकी बुआ, भाई, भाभी, बहन बहनोई, पत्‍‌नी समेत परिवार के 70 सदस्य तीन दिन पहले जागुवास पहुंचे, जहा सबका गाव की परंपरा के अनुसार स्वागत किया गया। शर्मा ने बताया कि अभी तक उन्हें चार पीढि़यों के बारे में जानकारी थी, लेकिन जागा (पंडा) ने वंशावली से 11 पीढि़यों के बारे में जानकारी उपलब्ध करा दी। शर्मा का परिवार दो दिन में वहा से वापस लौटेगा। शर्मा ने बताया कि राजस्थान सरकार की मदद से गाव में स्कूल, खेल का मैदान, सड़क निर्माण कराने का आदेश कराया है। गाव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार भी परिवार के लोग कराएंगे।


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