Move to Jagran APP

Action Against PFI: ड‍िप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले- पीएफआइ का पूरा नेटवर्क होगा ध्वस्त, न‍िगरानी बढ़ाने के न‍िर्देश

Action Against PFI आतंकी फंडिंग के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (PFI) के यूपी में छापेमारी के बाद अबतक 57 लोगों को ह‍िरासत में ल‍िया गया है। ड‍िप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा क‍ि प्रदेश में पीएफआई को पूरी तरह ध्‍वस्‍त कर द‍िया जाएगा।

By Prabhapunj MishraEdited By: Published: Wed, 28 Sep 2022 08:17 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 08:18 AM (IST)
Action Against PFI: ड‍िप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक बोले- पीएफआइ का पूरा नेटवर्क होगा ध्वस्त, न‍िगरानी बढ़ाने के न‍िर्देश
Action Against PFI: उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा ध्‍वस्‍त होगा PFI का नेटवर्क

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Action Against PFI पीएफआइ (पापुलर फ्रंट आफ इंडिया) पर हो रही कार्रवाई को लेकर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पुलिस व प्रशासन को और सक्रियता बरतने का निर्देश दिया है। उनका कहना है कि प्रदेश में पीएफआइ (PFI) के नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाएगा। राज्य सरकार इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए पीएफआइ (PFI) के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी हो रही है।बता दें क‍ि केंद्र सरकार ने PFI को पांच वर्षों के ल‍िए बैन (Ban On PFI) कर दिया है। 

loksabha election banner

संदिग्धों की पूरी गहनता से जांच

छापेमारी में पकड़े जा रहे संदिग्धों की पूरी गहनता से जांच कराने तथा निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। देशविरोधी गतिविधियों में लिप्त आरोपितों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा रहा है। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों व जिला प्रशासन को अलर्ट किया गया है। कहा कि असामाजिक गतिविधियां रोकने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रदेश में किसी भी दशा में आतंकी गतिविधियों को पनपने नहीं दिया जाएगा।

एटीएस व एसटीएफ ने 26 जिलों में की छानबीन, दस्तावेज कब्जे में लिए

  • राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए विदेश से ही रही फंडिंग की और गहनता से छानबीन की जा रही है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) व उसके सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों व सदस्यों के ठिकानों पर छोपमारी जारी है।
  • आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) व स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने स्थानीय पुलिस के साथ लखनऊ, लखनऊ ग्रामीण, कानुपर, बाराबंकी, बहराइच, मेरठ, अलीगढ़, बुंलदशहर समेत 26 जिलों में छापे मारे हैं।
  • सोमवार रात से शुरू हुई छापमारी मंगलवार शाम तक जारी रही। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि 26 जिलों में हुई छापेमारी में 57 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
  • बरामद दस्तावेजों व साक्ष्यों का विश्लेषण कराया जा रहा है। उसके अनुरूप ही आगे की विधिक कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी। उत्तर प्रदेश में पीएफआइ की जड़ें काफी गहरी रही हैं।
  • हाथरस कांड के बाद पीएफआइ की छात्र इकाई कैंपस फ्रंट आफ इंडिया (सीएफआइ) की भूमिका सामने आई थी। एसटीएफ ने सीएफआइ के राष्ट्रीय महासचिव के.ए.रऊफ शरीफ को गिरफ्तार भी किया था। वहीं गुरुवार को हुई छापेमारी के दौरान एसटीएफ ने लखनऊ के मदेयगंज क्षेत्र से पीएफआइ की राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया (एसडीपीआइ) के नेता मु.अहमद बेग को गिरफ्तार किया था।

खाड़ी देशों से हो रही फंडिंग की और गहनता से की जा रही छानबीन

  • सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसियों को छापेमारी के दौरान इनके कुछ अन्य सहयोगी संगठनों के बारे में भी ठोस जानकारियां लगी हैं, जिनसे जुड़े सदस्यों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
  • केंद्रीय जांच एजेंसियों की छानबीन में पीएफआइ को खाड़ी देशों से बड़े पैमाने पर फंडिंग के तथ्य सामने आए हैं। इसके बाद ही पीएफआइ के पदाधिकारियों व सदस्यों के ठिकानों पर छानबीन तेज की गई है।
  • सिमी पर प्रतिबंध के बाद उसके सक्रिय सदस्य पीएफआइ में शामिल हो गए थे। जिसके बाद लखनऊ व कानपुर के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में स्थानीय समितियां बनाकर पीएफआइ ने अपनी जड़ें फैलानी शुरू की थीं। फिर उनका नेटवर्क अन्य शहरों में भी बढ़ता चला गया।

सूत्रों का कहना है कि एटीएस व एसटीएफ इन स्थानीय समितियों से जुड़े सदस्यों के जरिए फंडिंग की रकम को लेकर छानबीन कर रही हैं। देखा जा रहा है कि फंडिंग की रकम को किन लोगों तक पहुंचाया गया और उसका उपयोग किन गतिविधियों में किया गया। माना जा रहा है कि छापेमारी में पकड़े गए संदिग्धों की जल्द गिरफ्तारी हो सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.