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यूपी सरकार की डिमांड, आपदा राहत के लिए फसल क्षति का मानक 20 फीसद करे केंद्र

राज्य सरकार का तर्क है कि फसल बीमा योजनाओं में कृषि उपज को 20 प्रतिशत क्षति होने पर भी किसान बीमा के हकदार हो जाते हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 05:43 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 05:43 PM (IST)
यूपी सरकार की डिमांड, आपदा राहत के लिए फसल क्षति का मानक 20 फीसद करे केंद्र
यूपी सरकार की डिमांड, आपदा राहत के लिए फसल क्षति का मानक 20 फीसद करे केंद्र

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में बाढ़ और अत्यधिक बारिश से हुए नुकसान के आकलन के लिए आये केंद्रीय दल की मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक हुई। बैठक में राज्य सरकार ने केंद्र से मांग की है कि दैवी आपदाओं से फसलों को होने वाली क्षति से किसानों को राहत देने के लिए फसल को 33 प्रतिशत नुकसान के मानक को शिथिल कर 20 प्रतिशत किया जाए। राज्य सरकार का तर्क है कि फसल बीमा योजनाओं में कृषि उपज को 20 प्रतिशत क्षति होने पर भी किसान बीमा के हकदार हो जाते हैं।

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बाढ़ और बारिश से हुए नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने केंद्र को 842.53 करोड़ रुपये का मैमोरैंडम भेजा है। केंद्रीय दल से मैमोरैंडम में मांगी गई धनराशि शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया गया। प्रदेश सरकार ने केंद्रीय दल के समक्ष यह भी मांग रखी कि राज्य द्वारा घोषित आपदाओं से राहत देने के लिए राज्य आपदा मोचक निधि से केवल 10 प्रतिशत राशि का ही उपयोग किया जा सकता है, जिसे बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाए। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए तर्क भी दिये गए।

सरकार की ओर से केंद्रीय दल को बताया गया कि एक मई से लेकर 10 अक्टूबर 2019 तक प्रदेश में विभिन्न आपदाओं में 1288 लोगों ने जान गंवाई। इनमें से 860 जनहानियां सर्पदंश, बिजली गिरने और अत्यधिक बारिश से मकान ढहने समेत राज्य की ओर से घोषित विभिन्न आपदाओं के कारण हुईं। केंद्र सरकार से यह भी मांग की गई है कि बारिश के मौसम के मद्देनजर बरसात और बाढ़ से अवस्थापना सुविधाओं को होने वाले नुकसान की मरम्मत के लिए चार महीने का समय दिया जाए। बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार भी मौजूद थीं।

पुनर्स्थापना कार्यों के लिए कम मिली धनराशि

केंद्रीय दल को बताया गया कि पुनर्स्थापना कार्यों के लिए मानक ऐसे तय किये गए हैं जिनकी वजह से विगत वर्षों में राज्य को केंद्र से कम धनराशि मिल सकी। वर्ष 2017 में बाढ़-बरसात से टूटी सड़कों के लिए 192 करोड़ रुपये मांगे गए, लेकिन मिले सिर्फ 23 करोड़ रुपये। वहीं सिंचाई के ढांचों की पुनर्स्थापना के लिए 262 करोड़ रुपये की मांग के सापेक्ष 7.5 करोड़ रुपये मिले। वर्ष 2018 में सड़कों, सेतुओं और सिंचाई के ढांचों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए 303 करोड़ रुपये की मांग की गई थी, लेकिन केंद्र से मिले 15 करोड़ रुपये।

आठ जिलों में किया नुकसान का आकलन

उत्तर प्रदेश में बाढ़-बारिश से हुए नुकसान के आकलन के लिए केंद्र ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण के संयुक्त सचिव (प्रशासन) जी.रमेश कुमार के नेतृत्व में अफसरों का सात सदस्यीय दल भेजा है। केंद्रीय दल ने दो टीमों में बंटकर पूर्वांचल के वाराणसी, गाजीपुर, बलिया व भदोही और बुंदेलखंड के झांसी, ललितपुर, महोबा और बांदा जिलों का दौरा किया।


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