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लखनऊ विश्‍वविद्यालय से संबद्ध कालेज अब घर पर भी भेजेंगे छात्रों की डिग्रियां

लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं की डिग्रियां अब उनके घरों पर भी भेजी जाएंगी। कुलाधिपति के आदेश पर लखनऊ विश्‍वविद्यालय ने कालेजों को इस संबंध में निर्देश भेज दिया है। इस काम में लेटलतीफी नहीं की जाएगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 08:25 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 01:12 PM (IST)
लखनऊ विश्‍वविद्यालय से संबद्ध कालेज अब घर पर भी भेजेंगे छात्रों की डिग्रियां
सम्बद्ध महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की डिग्रियां घर भेजने का‍ निर्देश जारी

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं की डिग्रियां अब उनके घर पर भी भेजी जाएंगी। इसके वितरण में किसी भी तरह की लेटलतीफी नहीं चलेगी। कुलाधिपति के आदेश पर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने सभी महाविद्यालयों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।

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परीक्षा नियंत्रक प्रो. एएम सक्सेना ने बताया कि अभी तक विश्वविद्यालय परिसर के छात्र-छात्राओं की डिग्रियां डीन आफिस से दी जाती हैं, जबकि कालेजों में पढ़ने वाले छात्रों की डिग्रियां वहीं भेज दी जाती हैं। वहीं से वितरण भी करने की व्यवस्था है। अब कालेजों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी छात्रों को दी जाने वाली डिग्री का वितरण दीक्षांत के बाद बिना किसी विलंब के कर दिया जाए। महाविद्यालयों में पिछले वर्ष की जो भी डिग्रियां विश्वविद्यालय की ओर से दी गई हैं, उन्हें छात्रों के स्थायी पतें पर डाक के माध्यम से भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

आवेदन फार्म में घर का पूरा पता भरना अनिवार्य : कालेजों को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रवेश एवं परीक्षा के आवेदन के समय अनिवार्य रूप से उपाधि आदि प्रपत्र उपलब्ध कराने के लिए छात्र का स्थायी पता अनिवार्य रूप से लें। इसमें नाम, मकान नंबर, मोहल्ला, गांव, कस्बा, विकास खंड, थाना, तहसील, जनपद, प्रदेश और पिन कोड आदि देना होगा।

तीन नए कोर्स में शुरू होगी पीएचडी : लखनऊ विश्वविद्यालय के ओएनजीसी सेंटर में संचालित तीन नए कोर्स में अब पीएचडी की पढ़ाई की जा सकेगी। इनमें एजेपी अब्दुल कलाम सेंटर आफ इनोवेशन, एडवांस मॉलिक्युलर एंड ह्यूमन जेनेटिक्स एंड इंफैक्टियस डिजीज और फूड प्रोसेसिंग एंड टेक्नोलाजी शामिल है। दो दिन पहले हुई ओएनजीसी सेंटर की गर्वनिंग बोर्ड की बैठक में इस पर सहमति बन गई है।

ओएनजीसी सेंटर के डायरेक्टर प्रो. एम सेराजुद्दीन ने बताया कि अभी तक इन कोर्सों में एमएससी की पढ़ाई होती है। अब एमएससी के बाद छात्रों को पीएचडी करने का मौका मिलेगा। प्रत्येक में पांच-पांच सीटें तय होंगी। इन तीनों कोर्सों में सिर्फ रेगुलर टीचर ही पीएचडी करा सकेंगे। शैक्षिक सत्र 2022-23 में इसके दाखिले भी प्रवेश परीक्षा एवं इंटरव्यू के माध्यम से लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पीएचडी छात्रों को स्कालरशिप देने पर भी विचार किया गया है।


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