Move to Jagran APP

Deepotsav 2020: श्रीराम और लक्ष्मणनगरी में रोशनी बिखेरेंगे चैनपुरवा के दीये, सवा दो घंटे तक रहेंगे जलते

Deepotsav 2020 मुख्यमंत्री के हाथों अयोध्या में जगमगाएंगे इको फ्रेंडली दीये। एसपी की पहल ने बदली चैनपुरवा की महिलाओं की जिंदगी। कच्चे शराब के धंधे को त्याग कर महिलाओं ने तैयार किए तीन लाख दीये। अयोध्या में 50 तो लखनऊ में 45 दीयों की डिमांड।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 06:41 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 06:30 AM (IST)
Deepotsav 2020: श्रीराम और लक्ष्मणनगरी में रोशनी बिखेरेंगे चैनपुरवा के दीये, सवा दो घंटे तक रहेंगे जलते
Deepotsav 2020: मुख्यमंत्री के हाथों अयोध्या में जगमगाएंगे इको फ्रेंडली दीये।

बाराबंकी [राघवेंद्र मिश्र]। Deepotsav 2020: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में चैनपुरवा में बदलाव की मुहिम की गूंज अयोध्या और लखनऊ सहित कई अन्य जिलों में सुनाई देगी। अवैध कारोबार से तौबा कर तरक्की की राह चुनने वाली यहां की स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के बनाए दीयों से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी का चौथा दीपोत्सव और लक्ष्मणनगरी भी जगमग होगी। अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इन्हीं इको फ्रेंडली दीयों को प्रज्जवलित करेंगे।

loksabha election banner

सूरतगंज के चैनपुरवा गांव में महिलाएं बीवैक्स से कैंडल दीये तैयार कर रही हैं। इसमें सुंदरा, सीता, रीना, जगराना, बसंती सहित 25 महिलाएं को रंगीन मोमबत्ती बना रही हैं। बाराबंकी में दीपोत्सव से मिले प्रोत्साहन के बाद महिलाएं अयोध्या और अन्य शहरों में आपूर्ति के लिए करीब तीन लाख दीये तैयार करने में जुटी हैं। इनमें से पचास हजार दीयों की आपूर्ति अयोध्या को की जाएगी। 

एसपी अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि यह ''कैंडल दीये'' करीब सवा दो घंटे तक जलते रहते हैं। वहीं, शनिवार को बाराबंकी में आए अपर प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कि चैनपुरवा के बने दीये दीपोत्सव के लिए जरूर दें। ताकि मुख्यमंत्री के हाथों यह दीये अयोध्या में जलाए जा सकें।

एसपी की पहल ने बदली जिंदगी

गांव की सुंदरा व सीता ने बताया कि कच्चे शराब के धंधे को त्याग कर गांव की महिलाओं ने नए कारोबार की ओर रुख किया है। मोमबत्ती निर्माण से गांव की महिलाएं बचत के साथ इज्ज़त व सम्मान को भी हासिल कर रही हैं। जगराना व रीना ने कहा कि शराब के धंधे से सबकुछ बर्बाद हो चुका है। बसंती व शकुंतला बताती है कि मोमबत्ती के धंधे से होने वाली बचत से गांव की महिलाएं परिवार का पालन पोषण करेंगी। जिंदगी में बदलाव का श्रेय यह सभी अभिनव पहल करने वाले एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी को देती हैं।

यहां इको फ्रेंडली दीयों की डिमाड 

दिल्ली : एक हजार

अयोध्या : 50 हजार

लखनऊ : 45 हजार

बाराबंकी : 90 हजार

अंबेडकरनगर : 35 हजार

गोरखपुर : दो हजार

जालौन : एक हजार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.