यूपी में मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर अफसरों से वसूल रहा था मोटी रकम, एसटीएफ ने दबोचा
खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर अफसरों से मोटी रकम वसूलने के एक आरोपित को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपित पहले भी फर्जीवाड़े के आरोप में जेल जा चुका है। झारखंड के शिव मंदिर मूसाबनी पूर्वी सिंहभूमि निवासी अजय कुमार मिश्र के खिलाफ कुल 10 मुकदमे दर्ज हैं।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताकर अफसरों से मोटी रकम वसूलने के एक आरोपित को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। आरोपित पहले भी फर्जीवाड़े के आरोप में जेल जा चुका है। झारखंड के शिव मंदिर मूसाबनी, पूर्वी सिंहभूमि निवासी अजय कुमार मिश्र के खिलाफ कुल 10 मुकदमे दर्ज हैं।
एसटीएफ के मुताबिक अजय का रायदेपुर अमेठी में भी आवास है। पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह अधिकारियों को फोन करता था। अफसरों से खुद को मुख्यमंत्री का ओएसडी बताता था। इसके बाद अलग-अलग कारण बताकर खाते में रुपये मंगाता था। टालमटोल करने वाले अफसरों को आरोपित फोन पर ही अदब में लेकर कार्रवाई कराने की धमकी देता था। आरोपित ने बताया कि उसने फर्जी कागजात बनवाकर अपना नाम बदल अजय से अरविंद करवा लिया था। वर्ष 2015 में ओएसडी बनकर फोन करने के आरोप में अजय को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बदले हुए नाम पर आरोपित ने खाता खुलवाया था, जिसमें वह रुपये मंगाता था। सूचना डायरी से अधिकारियों के नंबर निकालकर भी मिलाता था और उनपर धौंस जमाता था। आरोपित ने अब तक लाखों रुपये की वसूली की बात कबूल की है। वर्ष 2021 में भी आरोपित को कौशांबी और औरैया थाने की पुलिस ने जेल भेजा था।
जून 2021 में जूल से छूटने के बाद से आराेपित ने दोबारा फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया था। आरोपित के खिलाफ लखनऊ के अलावा बहराइच, औरैया, कौशांबी, हरदोई, देवरिया, बलरामपुर, जालौन और पीलीभीत में भी मुकदमे दर्ज हैं। बेखौफ होकर आरोपित विभिन्न अधिकारियों के पास फोन लगा देता था और उनसे पैसे अपने खाते में मंगवाता था। कई अधिकारी उसे सीएम का ओएसडी समझकर संकोचवश रकम खाते में भेज देते थे।मामला खुलने पर ठगी के शिकार हुए अधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं।