अटल के निधन से उत्तर प्रदेश भाजपा में शोक की लहर, झुकाया गया पार्टी का झंडा
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर उत्तर प्रदेश भाजपा में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके निधन से हुई रिक्तता अपूर्णनीय है।
लखनऊ (जेएनएन)। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर उत्तर प्रदेश भाजपा में शोक की लहर दौड़ गई है। भाजपा ने कहा कि अटल जी ने भाजपा को एक नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अपनी अभूतपूर्व भूमिका का निर्वहन किया। उनके निधन से हुई रिक्तता अपूर्णनीय है। अटल के निधन की खबर मिलते ही भाजपा मुख्यालय में पार्टी का झंडा झुका दिया गया। बड़ी संख्या में प्रदेश के सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और विभिन्न क्षेत्र से जुड़े लोगों ने शोक व्यक्त किया और उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताया।
युग पुरुष के रूप में याद किये जाएंगे
शोक संदेश में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने कहा कि भारतीय राजनीति में अजातशत्रु जैसे व्यक्तित्व के धनी अटल युग पुरुष के रूप में याद किये जाएंगे। डॉ. पांडेय ने कहा कि अटल ने प्रधानमंत्री के रूप में विश्व की परवाह किए बगैर पांच परमाणु परीक्षण एक साथ कराकर भारत को परमाणु संपन्न राष्ट्र बनाया। सुनील बंसल ने कहा कि अटल के निधन से हुई रिक्तता की भरपाई कर पाना कठिन है।
विराट व्यक्तित्व खो दिया
यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि देश ने विराट व्यक्तित्व खो दिया। कृषि राज्यमंत्री रणवेंद्र प्रताप धुन्नी सिंह, कारागार राज्यमंत्री जयकुमार जैकी ने उन्हें युग पुरुष बताया। कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि अटल जी लोगों के दिलों पर राज करने वाले जननायक थे। उनकी नीतियों पर आज भी देश गर्व करता है। केंद्रीय मंत्री कृष्णाराज अटल जी को लोकतंत्र की जीती जागती मिसाल करार दिया। फतेहपुर सांसद साध्वी निरंजन ज्योति,कानपुर सांसद देवेद्र सिंह भोले ने कहा कि उनके विचारों, आदर्शों व सिद्धांतों के रूप में हमेशा हम सबके प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। भोले ने उनके साथ बिताए पलों को याद कर भावुक हो गए।
भावना भांप बेटी के साथ खिंचवाई फोटो
वाजपेयी के निधन से आहत केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिव प्रताप शुक्ल उनके सानिध्य वाले दिनों को याद कर भावुक हो गए। जागरण से बातचीत में उन्होंने अपनी भावनाओं को एक ऐसे प्रसंग के साथ साझा किया, जिसमें अटल जी की सहृदयता और सादगी की बानगी तो नजर आती ही है और भावनाओं को भांप लेने की अद्भुत क्षमता का भी दर्शन होता है। बात 1998 की है, जब अटल जी प्रधानमंत्री के तौर पर लखनऊ आए और राजभवन के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। उस कार्यक्रम में मंत्री अपनी बेटी प्रीति के साथ थे। बेटी वाजपेयी जी के साथ फोटो खिंचवाने की जिद करने लगी। हालांकि अटल जी बेटी से काफी दूर थे लेकिन एक नजर में मंशा भाप गए और उसे अपने पास बुलाकर फोटो खिंचवाया। इस प्रसंग की चर्चा के दौरान शिवप्रताप यह बताना नहीं भूले कि उनके हर चुनाव में सभा संबोधित करने के लिए वाजपेयी आते थे।