Lucknow Coronavirus News: कोरोना वायरस से बुजुर्ग की मौत, घरवालों को मिला युवक का शव
निजी मेडिकल कॉलेज ने दे दिया गलत शव अंतिम संस्कार के लिए तीस घंटे का इंतजार। अस्पताल में शव दिखाने से इन्कार बैकुंठ धाम में परिवारजन के विरोध पर खुलवाई गई पैकिंग।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना मरीजों की मौत के बाद अस्पतालों में अमानवीय व्यवहार रुकने का नाम नहीं रहा है। रविवार एक निजी मेडिकल कॉलेज में मरीज का शव बदलने का मामला उजागर हुआ है। लिहाजा, परिवारजन 30 घंटे बाद तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं कर सके। गढ़ी कनौरा निवासी यतींद्र तिवारी (64) को बुखार आ रहा था। अचानक उनकी सांस फूलने लगी। पुत्र महेंद्र तिवारी के मुताबिक पिता यतींद्र में 10 अगस्त को कोरोना की पुष्टि हुई। इसके बाद 11 अगस्त को सुबह पांच बजे उन्हें टीएसएम मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। 14 अगस्त को उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया। 15 अगस्त की शाम 5:26 बजे उनका निधन हो गया। इसके बाद परिवारजन मेडिकल कॉलेज में मरीज का शव लेने पहुंचे। कर्मचारियों ने सुबह शव सौंपने की बात कहकर उन्हें लौटा दिया।
अस्पताल में शव दिखाने से किया इन्कार
महेंद्र तिवारी के मुताबिक रविवार सुबह वे पिता का शव लेने अस्पताल पहुंचे। यहां औपचारिकता पूरी करने के बाद पहचान के लिए उन्होंने शव दिखाने की मांग की। मगर, कर्मचारियों ने पैकिंग का हवाला देकर शव दिखाने से इन्कार कर दिया। साथ ही पीपीई किट देकर बैकुंठ धाम में शव देखने की बात कहकर रवाना कर दिया। महेंद्र के मुताबिक शाम पौने सात बजे जब बैकुंठधाम पर उन्होंने कर्मचारियों से शव का चेहरा दिखाने की बात कही, तो उन्होंने मना कर दिया। विरोध जताने पर कर्मचारियों ने खुद शव की पैकिंग खोलकर देखने के लिए कहा। महेंद्र ने पीपीई किट पहनकर जब पैकिंग खोली तो उसमें युवक का शव निकला। जिसके बाद गलत शव मिलने पर सीएमओ और अन्य अफसरों को जानकारी दी गई। इस पर टीएसएम मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने वहां रखे एक अन्य शव की वाट्सएप पर फोटो भेजी। फोटो से उन्होंने पिता का शव होने की तस्दीक की। इसके बाद शव के इंतजार में देर रात तक तक वे बैकुंठ धाम में बैठे रहे।
अस्पताल आने पर मिलेगी जानकारी
इस संबंध में पक्ष जानने के लिए टीएसएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन से संपर्क किया गया। खुद को हॉस्पिटल मैनेजर बता रहीं श्वेता ने फोन पर जानकारी देने से इन्कार किया। उन्होंने कहा कि सोमवार को अस्पताल आने पर ही कोई जानकारी मिल सकेगी। वहीं, सीएमओ डॉ. आरपी सिंह का रात साढ़े नौ बजे ही फोन उठना बंद हो गया। कई बार फोन करने पर भी उन्होंने रिसीव नहीं किया। डेड बॉडी ट्रांसपोर्ट इंचार्ज अमिताभ पांडेय ने कहा कि टीएसएम मेडिकल कॉलेज ने बॉडी टैग में गड़बड़ी की। इससे शव बदल गया। मामले में जवाब-तलब किया जाएगा।