जबान कड़वी कर सकता है मीठा दशहरी आम
बागों में पहले ही बौर फूल बहुत ही कम आया था और जो आया था उस समय मौसम ने खलनायक की भूमिका अदा कर बागवानों की कमर तोड़ दी।
लखनऊ (संवाद सूत्र)। दुनिया भर में मशहूर मलिहाबाद के दशहरी आम की मिठास इस बार कुछ महंगी हो सकती है। मलिहाबाद में इस बार उत्पादन में भारी गिरावट के चलते बाजार में दाम चढ़ने के आसार हैं।
बागों में पहले ही बौर फूल बहुत ही कम आया था और जो आया था उस समय मौसम ने खलनायक की भूमिका अदा कर बागवानों की कमर तोड़ दी। बागवानों ने बागों की देखरेख धुलाई सिंचाई सब कुछ समय पर ही की लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
इस बार केवल 25 से 30 फीसद तक ही बागों में बौर फूल आया था, जिससे पहले ही कमजोर फसल की आशंका बागवान लगा रहे थे। विगत दिनों आई आंधी ने बागवानों के अरमानों पर पानी फेर दिया। कहा जा रहा है कि एक जून को मलिहाबादी दशहरी आम बाजारों में दस्तक दे देगा।
नहीं मिल रही सरकारी मदद: करीब 30 हजार हेक्टेयर में आम की खेती की जाती है। वैसे तो सरकार द्वारा सन 1984 में मलिहाबाद को मैंगो बेल्ट घोषित किया गया था। तब से अब तक आम की फसल बिक्री की वही स्थिति बनी हुई है। बागवानों को न तो अच्छी बिक्री मिल पाती है और न ही उनका आम बाहर अच्छी जगह पहुंच पाता है।
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वर्ष 2006 में सपा की मुलायम सिंह यादव सरकार ने मलिहाबाद में आम मंडी निर्माण का निर्णय लिया था, लेकिन तब से अब तक लंबा समय बीतने के बाद भी मंडी का निर्माण अधूरा ही है। कुछ व्यापारी आम की फसल की खरीद बौर फूल आने से पहले कर लेते हैं, उन्हें इस बार दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
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