मुकदमे में नाम निकालने के लिए दो लाख रुपये लेते दारोगा गिरफ्तार, एंटी करप्शन टीम ने पेपर मिल चौकी से दबोचा
एंटी करप्शन टीम ने पेपर मिल चौकी पर एक दारोगा को दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। दारोगा पर आरोप है कि उसने एक मुकदमे से नाम निकालने के लिए यह रिश्वत मांगी थी। शिकायत मिलने पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने जाल बिछाकर उसे रंगे हाथों पकड़ा। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। दुष्कर्म के मुकदमे में नाम हटाने के बदले कोचिंग संचालक से दो लाख रुपये की घूस लेते पेपर मिल चौकी इंचार्ज धनंजय सिंह को एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा है। उनके पास से दो लाख रुपये भी मिले हैं। टीम उनसे पूछताछ में जुटी है। साथ ही उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
एक पीड़िता ने कानपुर के दर्शन पुरवा निवासी ब्रिटिश स्पीकिंग लैंग्वेज कोचिंग के संचालक प्रतीक गुप्ता के खिलाफ महानगर थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पेपर मिल चौकी इंचार्ज धनंजय सिंह ने प्रतीक को 11 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती प्रतीक की निजी सचिव थी। एंटी करप्शन टीम के मुताबिक जेल से कुछ दिन पहले ही छूटकर आए प्रतीक ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि मुकदमा लिखाने वाली युवती चार अन्य लोगों के साथ मिलकर झूठे मुकदमे में फंसा कर रुपये वसूलती है।
प्रतीक ने आरोप लगाए थे कि दारोगा धनंजय सिंह ने मुकदमे से नाम हटाने के एवज में उनसे मोटी रकम मांगी थी। एडवांस के तौर पर दो लाख रुपये ले रहे थे। शिकायत पर टीम ने ट्रैप करते हुए प्रतीक को रुपये लेकर बुधवार शाम पेपर मिल चौकी में भेजा और उनकी शर्ट पर कैमरा भी लगाया।
दारोगा ने जैसे ही हाथ में रुपये लिए टीम ने उन्हें पकड़ लिया। धनंजय मूलरूप से आजमगढ़ के मेहनाजपुर स्थित ग्राम कूबा खास के रहने वाले हैं और वर्तमान में गोमती नगर विस्तार में रहते थे। एंटी करप्शन टीम उनसे पूछताछ में जुटी है।

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