बंदी छोड़ दिवस पर सजा दरबार, बच्चों को मिले उपहार
गुरुद्वारा यहियागंज व नाका हिंडोला में हुआ मुख्य आयोजन, आलमबाग व मानसरोवर में गरीब बच्चों को मिले उपहार।
लखनऊ (जेएनएन)। फूलों से सजा दरबार हाल, शबद सुनाते रागी जत्थे और बंदी छोड़ दिवस की महिमा का बखान करते हेड ग्रंथी। कुछ ऐसी ही माहौल बुधवार गुरुद्वारों में बंदी छोड़ दिवस पर नजर आया। कहीं गरीब ब'चों को उपहार दिए जा रहे थे तो कहीं लंगर में लोग प्रसाद ग्रहण कर रहे थे।
सिख समाज दीपावली के दिन को बंदी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। इसी के चलते गुरुद्वारों में विशेष आयोजन हुए। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने बताया कि 1619 में सिख समाज के छठें गुरु हरगोविंद साहिब ने दीपावली के दिन ग्वालियर में 52 राजाओं को रिहा किया था, उन्हीं की याद में यह पर्व हर वर्ष मनाया जाता है। गुरुद्वारा नाका हिंडोला में गुरु ग्रंथ साहिब पर प्रकाश के साथ शबद कीर्तन हुआ। देर शाम गुरुद्वारा कानपुर रोड मानसरोवर के अध्यक्ष संपूर्ण सिंह बग्गा की ओर से संगतों को सम्मानित किया गया और उन्हें उपहार दिए गए। गुरुद्वारा सदर के महासचिव हरपाल सिंह जग्गी की ओर से सभी बंदी छोड़ दिवस पर गरीबों की सेवा करने का संकल्प दिलाया गया तो गुरुद्वारा आलमबाग में कार्यवाहक अध्यक्ष निर्मल सिंह की ओर से गरीब बच्चों को गिफ्ट दिया। गुरुद्वारा यहियागंज के सचिव मनमोहन सिंह हैप्पी के संयोजन में दरबार सजाया गया और लंगर के साथ समापन हुआ। गुरुद्वारा इंदिरानगर जसवंत सिंह व त्रिलोचन सिंह की मौजूदगी में बंदी छोड़ दिवस मना तो आशियाना गुरुद्वारे के अध्यक्ष जेएस चड्ढा की ओर से संगतों को बधाई दी गई।
जैन समाज ने मनाया मोक्ष दिवस
दीपावली के दिन को जैन समाज से सुबह लड्डुओं का भोग लगाकर मोक्ष दिवस मनाया। कैलाश चंद्र जैन के संयोजन में चौक जैन में मंदिर में हुए पूजन में सिद्धार्थ जैन व अशोक जैन के अलावा कई लोग शामिल हुए। डालीगंज के जैन मंदिर में विनय जैन के संयोजन में मोक्ष दिवस मनाया गया तो चारबाग व इंदिरानगर में भी विशेष पूजा की गई। समारोह में शैलेंद्र जैन व केसी जैन के अलावा समाज के कई लोग शामिल हुए। जैन मंदिर आशियाना में प्रो. अभय जैन के संयोजन में मोक्ष दिवस मनाया गया। जैन समाज ने शाकाहार को जीवन में अपनाने का संकल्प दिलाया।