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Dainik Jagran Samvadi 2019 : आज आखिरी दिन भी 'जागरण संवादी' में संवाद के सात रंग, आइए...

Dainik Jagran Samvadi 2019 अगर आप अब तक इस साहित्यिक उत्सव का हिस्सा नहीं बन सके तो पूरा रविवार आपके पास है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 15 Dec 2019 12:25 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 12:30 PM (IST)
Dainik Jagran Samvadi 2019 : आज आखिरी दिन भी 'जागरण संवादी' में संवाद के सात रंग, आइए...
Dainik Jagran Samvadi 2019 : आज आखिरी दिन भी 'जागरण संवादी' में संवाद के सात रंग, आइए...

लखनऊ, जेएनएन। अभिव्यक्ति के उत्सव ने दो दिन का सफर पूरा कर लिया। विचारों के टकराव, तालियों की गूंज और आक्रोश के सुर आपस में भरपूर संवाद करते दिखे। दर्शकदीर्घा ने जितनी शिद्दत से संवाद किया, उतने ही संतुष्टिपरक निष्कर्ष मंच से मिले। अगर आप अब तक इस साहित्यिक उत्सव का हिस्सा नहीं बन सके तो पूरा रविवार आपके पास है। इसके बाद आपको यह मौका पूरे एक साल बाद ही मिलेगा। रविवार को संवाद के सात रंग आपको भिगोने के लिए तैयार तो आइए और संवाद कीजिए।

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आज के आकर्षण

पहला सत्र : दोपहर 01 बजे से 1.45 बजे तक

स्त्री साहित्य का संघर्ष

मृदुला सिन्हा, वर्तिका नंदा, रजनी गुप्त

मृदुला सिन्हा : गोवा की राज्यपाल एवं भाजपा की केंद्रीय कार्यसमिति की सदस्य हैं। हिंदी साहित्य लेखन में सुविख्यात हैं।

वर्तिका नंदा : पत्रकारिता, शोध एवं कविता के लिए पहचानी जाती हैं। मधुर दस्तक, थी, हूं...रहूंगी, रानियां सब जानती हैं प्रमुख कविता संग्रह है।

रजनी गुप्त : हिंदी साहित्य में कहानी एवं उपन्यास विधा में पहचान है। एक नई सुबह, हाट बाजार जैसी कहानी संग्रह प्रकाशित हैं।

दूसरा सत्र : दोपहर 02 बजे से 2.45 बजे तक

लखनऊ विश्वविद्यालय के सौ साल

जस्टिस हैदर अब्बास रजा, प्रोफेसर भूमित्रिदेव, प्रोफेसर एसपी सिंह

जस्टिस हैदर अब्बास रजा : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ से न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्त हैं। प्रदेश के लोकायुक्त भी रहे।

प्रो. एसपी सिंह : हाल ही में लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

तीसरा सत्र : दोपहर 03 बजे से 3.45 बजे तक

हिंदी पर बेस्टसेलर का प्रभाव

प्रभात रंजन, भगतवंत अनमोल, गौतम राजऋषि

नवीन चौधरी, संचालक - तरुण गोस्वामी

प्रभात रंजन : हिंदी साहित्यकार हैं। कहानी और आलोचना विधा में पहचान रखते हैं।

भगवंत अनमोल : बेस्ट स्पीच थेरेपी के संस्थापक हैं। स्पीच थेरेपिस्ट और मोटीवेशनल स्पीकर भी हैं।

गौतम राजऋषि : सदाबहार लेखक हैं। शायर हैं। फौज में होते हुए भी लेखन में अमिट छाप छाप छोड़ी है।

चौथा सत्र : शाम 04 बजे से 4.45 बजे तक

यथार्थ और कल्पना का साथ

हरिंदर सिक्का से मनोज राजन त्रिपाठी की बातचीत

हरिंदर सिक्का : फिल्म निर्माता एवं निर्देशक हैं। साहित्य लेखन में छाप छोड़ी है।

पांचवां सत्र : शाम 05 बजे से 5.45 बजे तक

इतिहास लेखन की चुनौतियां

विश्वास पाटिल से आत्म प्रकाश मिश्र की बातचीत

विश्वास पाटिल : इतिहासकार, साहित्यकार एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं।

छठा सत्र : शाम 06 बजे से 6.45 बजे तक

साहित्य और सिनेमा

संदीप भूतोड़िया

संदीप भूतोड़िया : लेखक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकर्ता हैं। द सफारी उनकी पहली किताब है।

समापन सत्र : शाम 07 बजे से 08 बजे तक

हास्य और गीत

सर्वेश अस्थाना, अनु अवस्थी, मालविका हरिओमसर्वेश अस्थाना : हास्य कवि हैं। ङ्क्षहदी, उर्दू में गीत, गजल के साथ हास्य-व्यंग्य के लिए जाने जाते हैं।

अनु अवस्थी : हास्य कलाकार हैं। कनपुरिया टोन में अपनी मजेदार बातों से दर्शकों को लोटपोट करा देते हैं।

मालविका हरिओम : लेखन और गायन दोनों में समान अधिकार रखती हैं। लोक गीतों पर आधारित देवी भजनों का अलबम देवी दयालु भईं प्रसिद्ध हुआ।


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