Move to Jagran APP

Dainik Jagran Samvadi 2019 Day 2: दैनिक जागरण संवादी दूसरा दिन जानिए आज क्या खास है

Dainik Jagran Samvadi 2019 Day 2 दैनिक जागरण संवादी दूसरा दिन जानिए आज क्या खास है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 12:05 PM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 01:43 PM (IST)
Dainik Jagran Samvadi 2019 Day 2: दैनिक जागरण संवादी दूसरा दिन जानिए आज क्या खास है
Dainik Jagran Samvadi 2019 Day 2: दैनिक जागरण संवादी दूसरा दिन जानिए आज क्या खास है

लखनऊ, जेएनएन। Dainik Jagran Samvadi 2019 Lucknow : संवादी... यानि साहित्य, रंगमंच, लोककला, नृत्य, गायन और वादन के दिग्गजों से साहित्य, राजनीति, संगीत, खान-पान, सिनेमा, धर्म और देशभक्ति समेत कई मुद्दों पर खुलकर एक मंच पर चर्चा। तीन दिन, बीस सत्र और संवाद की अथाह संभावनाओं के साथ संवादी आपके साथ है। भारतेंदु नाट्य अकादमी के मंच पर शुक्रवार को जब छठे संस्करण का पर्दा उठा, तो मंच से दर्शकदीर्घा तक सिर्फ एक ही गूंज थी अभिव्यक्ति की। शनिवार को दूसरे दिन सात सत्रों में वक्‍ताओं के साथ साहित्‍य, धर्म जैसे कई विषयों पर चर्चा होगी। हर बार की तरह यह संस्करण भी इस वादे के साथ पेश है कि साहित्यिक क्षुधापूर्ति के साथ इसकी यादें आपके जेहन में अमिट रहेंगी।

loksabha election banner

पहला सत्र - दोपहर 01 बजे से 1.45 बजे तक

विषय : दलित साहित्य का भविष्य

श्योराज सिंह बेचैन, विवेक कुमार, पंकज सुबीर

श्योराज सिंह बेचैन : प्रख्यात साहित्यकार हैं। छात्र जीवन से बाल सभा के अध्यक्ष रहे। ग्रेजुएशन के दौरान आल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन के जिलाध्यक्ष का पद संभाला। साथ ही पत्र-पत्रिकाओं में कविता लेखन करते रहे। धीरे-धीरे कवर स्टोरी और आलोचना के फील्ड में उतरे। दलित विमर्श और दलित साहित्य पर काफी कुछ लिख चुके हैं।

पंकज सुबीर : स्वतंत्र पत्रकार एवं कंप्यूटर हार्डवेयर, नेटवर्किंग तथा ग्राफिक्स के प्रशिक्षक हैं। रसायन शास्त्र में स्नातकोत्तर के बाद पत्रकारिता से लगाव होने के नाते प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया से जुड़े रहे। सौ से अधिक साहित्यिक रचनाएं कीं। प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से पुरस्कार और पं. जनार्दन शर्मा स्मृति कविता समेत कई सम्मान प्राप्त कर चुके हैं।

दूसरा सत्र - दोपहर 02 बजे से 2.45 बजे तक

धर्म की भाषा

डॉ. एसएस रावत, रिजवान अहमद, मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली

डॉ. एचएस रावत : ज्योतिष और वास्तुशास्त्र के परामर्शदाता हैं। अब तक 11 किताबें ज्योतिष और वास्तुशास्त्र पर लिख चुके हैं। एक टीवी चैनल पर ज्योतिष सीखिए कार्यक्रम की होस्टिंग करते रहे हैं।

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली : मुस्लिम धर्मगुरु एवं ईदगाह के ईमाम हैं। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया एवं दारुल उलूम फरंगी महल के चेयरमैन के पद पर हैं। साथ ही पर्सनल लॉ बोर्ड में सदस्य हैं।

तीसरा सत्र - दोपहर 03 बजे से 3.45 बजे तक

साहित्य का स्वर्ण युग

राजेंद्र राव, शैलेंद्र सागर, रत्नेश्वर, अमरीक सिंह दीप

राजेंद्र राव : वरिष्ठ कथाकार हैं। साहित्य जगत में बुलंदियों को स्पर्श किया और ङ्क्षहदीजनों के मनों में अमिट छाप छोड़ी। कथा विधा के जीवंत प्रतिमान हैं। अभियांत्रिकी जैसे नीरस विषयों पर भी एक से बढ़कर एक कथाएं लिखकर ङ्क्षहदी साहित्य को समृद्ध किया। बदलते समय में पारंपरिक समाज की पारिस्थितिकी को अत्यंत बारीकी से अपनी कथाओं में उल्लिखित किया है।

शैलेंद्र सागर : प्रख्यात हिंदी साहित्यकार हैं। कई कहानी संग्रह और उपन्यास प्रकाशित कर चुके हैं। चतुरंग और चलो दोस्तों सब ठीक है उनका प्रमुख उपन्यास है। विजय वर्मा सम्मान, प्रेमचंद सम्मान, महावीर प्रसाद द्विवेदी सम्मान प्राप्त हैं।

अमरीक सिंह दीप : वरिष्ठ कथाकार हैं। किस्सगोई के उस्ताद माने जाते हैं। सौ से अधिक कहानियां विभिन्न श्रेष्ठ साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। कहा जाएगा सिद्धार्थ, कालाहांडी, चांदनी हूं मैं, बर्फ का दानव, शाने पंजाब व ऋतुनागर प्रमुख कृतियां हैं।

चौथा सत्र - शाम 04 बजे से 4.45 बजे तक

साहित्य का उपन्यासकाल

हृषिकेश सुलभ, भगवानदास मोरवाल, सत्यानंद निरुपम

हृषीकेश सुलभ : हिंदी के समकालीन शीर्ष लेखकों मे हैं। कहानी, नाटक और रंगमंच आलोचना की विधाओं के लिए जाने जाते हैं। कहानी संग्रह वसंत के हत्यारे के लिए इंदु शर्मा अंतरराष्ट्रीय कथा सम्मान मिला। बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान, अनिल कुमार मुखर्जी सम्मान, रामवृक्ष बेनीपुरी सम्मान भी मिला है।

भगवानदास मोरवाल : कहानी एवं उपन्यासकार हैं। काला पहाड़, बाबल तेरा देस में जैसे उपन्यास लिखने के लिए पहचाने जाते हैं। कहानी संग्रह, कविता संग्रह समेत कई पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं। दिल्ली हिंदी अकादमी सम्मान, यूके कथा सम्मान के अलावा कई पुरस्कार मिले हैं।

सत्यानंद निरुपम : दिल्ली विश्वविद्यालय से एमफिल का लघु शोध कार्य पूरा करने के बाद एनसीईआरटी में बतौर जूनियर प्रोजेक्ट फेलो काम किया। 1996 में राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, हैदराबाद में गोरखपुर के बाल श्रमिकों की स्थिति पर तैयार किए अनुभव पत्र के लिए सम्मान मिल चुका है।

पांचवां सत्र - शाम 05 बजे से 5.45 बजे तक

संघ का भविष्य

सुनील आंबेकर से आशुतोष शुक्ल की बातचीत

सुनील आंबेकर : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लंबे समय तक राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे। छात्र जीवन में ही विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए और देशभर में संगठन का कार्य करते रहे। राष्ट्रीय संस्थानों के छात्रों के लिए प्रेरणादायी मंच सोचो भारत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के काम करने के तौर तरीकों को लेकर एक किताब द आरएसएस रोडमैप्स 21 सेंचुरी लिखी है।

छठा सत्र - शाम 06 बजे से 6.45 बजे तक

हजलगोई की खत्म होती रवायत

नैयर जलालपुरी, असमत मलीहाबादी, संचालक - शकील शम्सी

नैय्यर जलालपुर : प्रा फेसर एवं मशहूर शायर हैं।

शकील शम्सी : इंकलाब के संपादक हैं। लोकसभा टीवी, दूरदर्शन लखनऊ, भोपाल और दिल्ली में भी काम कर चुके हैं। इलेक्ट्रानिक मीडिया में उल्लेखनीय कार्यों के लिए कई सम्मान प्राप्त हैं।

सातवां सत्र - शाम 07 बजे से 7.45 बजे तक

मुंबई से आया मेरा दोस्त

पवन मल्होत्रा से बातचीत यतीन्द्र मिश्र

पवन मल्होत्रा : हिंदी फिल्मों एवं टीवी के प्रसिद्ध अभिनेता हैं। दूरदर्शन के धारावाहिक नुक्कड़ से प्रसिद्ध हुए। भाग मिल्खा भाग, ब्लैक फ्राइडे, डॉन, बाघ बहादुर जैसी फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं।

यतीन्द्र मिश्र : संगीत और साहित्य के अध्येता हैं। लता सुरगाथा कृति के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। साहित्य जगत में उल्लेखनीय योगदान के लिए रजा पुरस्कार, भारत भूषण अग्रवाल स्मृति आदि पुरस्कार भी प्राप्त हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.