हर छात्र-अभिभावक को दी जाएगी डिजिटल व साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग, गाइडलाइन लागू करने के निर्देश
उत्तर प्रदेश सरकार ने छात्रों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा मुहिम शुरू की है। 15 दिसंबर तक सभी माध्यमिक विद्यालयों में साइबर सुरक्षा गाइडलाइन ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने बच्चों की आनलाइन सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए अब तक की सबसे व्यापक साइबर सुरक्षा मुहिम शुरू कर दी है।
अपर मुख्य सचिव बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि 15 दिसंबर तक हर माध्यमिक विद्यालय में साइबर सुरक्षा गाइडलाइन, प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम अनिवार्य रूप से लागू कर दिए जाएं।
इंटरनेट, सोशल मीडिया, स्मार्ट क्लास और आइसीटी लैब के बढ़ते उपयोग को देखते हुए छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को सुरक्षित डिजिटल व्यवहार सिखाना आवश्यक बताया गया है।
निर्देशों के अनुसार, साइबर सुरक्षा गाइडलाइन का लिंक और पीडीएफ राजकीय, सहायता प्राप्त और स्ववित्तपोषित सभी स्कूलों के प्रधानाचार्यों के वाट्सएप ग्रुप में भेजा जाएगा। हर विद्यालय को अपनी वेबसाइट और वेबपेज पर गाइडलाइन अपलोड करना अनिवार्य होगा, ताकि विद्यार्थी और अभिभावक इसे आसानी से पढ़ सकें।
जिला स्तर पर सभी माध्यमिक विद्यालयों की आनलाइन बैठक आयोजित होगी, जिसमें गाइडलाइन के हर बिंदु पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। बैठक के बाद प्रत्येक विद्यालय को अपनी साइबर सुरक्षा कार्ययोजना तैयार करनी होगी, जिसमें जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं, शिक्षण गतिविधियां और प्रशिक्षण शामिल किए जाएंगे।
प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी शिक्षकों के वाट्सएप ग्रुप में गाइडलाइन भेजें और कक्षा में साइबर सुरक्षा से जुड़े विशेष पाठ पढ़ाएं। विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना, निबंध प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, स्मार्ट क्लास, आइसीटी लैब और प्रजेंटेशन के माध्यम से छात्रों को सुरक्षित इंटरनेट उपयोग के नियम बताए जाएंगे। साइबर हेल्पलाइन 1930 और होशियार रहें, सुरक्षित रहें पोस्टर का रंगीन प्रिंट हर स्कूल के नोटिस बोर्ड और स्टाफ रूम में लगाना अनिवार्य किया गया है।
एक दिन आफलाइन रहेंगे बच्चे
अभिभावकों को जागरूक करने के लिए विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि गाइडलाइन अभिभावकों के वाट्सएप और ईमेल पर भेजी जाए। पीटीएम में आनलाइन ठगी, बच्चों के मोबाइल उपयोग, इंटरनेट मीडिया जोखिम और सुरक्षित इंटरनेट के नियमों पर विशेष चर्चा की जाएगी।
छात्रों के लिए कई रोचक गतिविधियों का भी प्रविधान है, जिनमें पांच साइबर सेफ्टी नियमों पर आधारित पोस्टर/मीम प्रतियोगिता, काल-फ्राड रोल प्ले, रेड फ्लैग बिंगो गेम, एआइ अवेयरनेस सत्र और डिजिटल डिटाक्स डे शामिल हैं। डिजिटल डिटाक्स डे में छात्र एक दिन बिना इंटरनेट मीडिया के बिताकर आफलाइन गतिविधियों में हिस्सा लेंगे।
विद्यालय में साइबर सुरक्षा नोडल शिक्षक होंगे नियुक्त
हर माध्यमिक विद्यालय में एक साइबर सुरक्षा नोडल शिक्षक नियुक्त किया जाएगा, जो सभी गतिविधियों की निगरानी करेगा, उनका रिकार्ड रखेगा और छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान करेगा। साइबर जागरूकता माह में पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध, लघु वीडियो निर्माण, कहानी लेखन, साइबर स्वच्छता अभियान और वरिष्ठ नागरिकों व बच्चों के लिए जागरूकता सत्र आयोजित करना अनिवार्य होगा।
गाइडलाइन में आनलाइन रेडिकलाइजेशन, हैक्टिविज्म, साइबर वारफेयर, बच्चों से जुड़े मोबाइल अपराध और साइबर ग्रूमिंग जैसे गंभीर विषयों पर विस्तृत जानकारी शामिल है।
साथ ही मजबूत पासवर्ड, अपडेटेड ब्राउजर, संदिग्ध संदेश की रिपोर्ट, स्क्रीनशाट सुरक्षित रखना, निजी फोटो न भेजना, संदिग्ध लिंक न खोलना और हैकिंग टूल का उपयोग न करने की सलाह भी दी गई है। 15 दिसंबर तक सभी बिंदुओं पर की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजना अनिवार्य किया गया है।

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