साइबर अपराधी जनता को लूट रहे, पुलिस और कंपनियों को फिक्र नहीं
पुलिस और टेलीकॉम कंपनियों की लापरवाही से अब तक 1430 से अधिक लोगों को लग चुका है चूना, फोन पर जालसाज खुद को बैंक अधिकारी बताकर खातों में लगा रहे सेंध।
लखनऊ, [ज्ञान बिहारी मिश्र] । जिम्मेदारों की लापरवाही से जनता की गाढ़ी कमाई जालसाज लूट रहे हैं। खुद को बैंक अफसर बताकर फोन करने वाले जालसाजों को पकड़ने में असफल पुलिस थानों और साइबर सेल में शिकायत करने वाले पीड़ितों को कार्रवाई के बजाय टरका देती है। दरअसल, पुलिस फरियादियों से ठगों के दूर प्रदेश में बैठे होने की बात कहकर पल्ला तो झाड़ लेती है, लेकिन उन फोन नंबरों को बंद कराने का कोई प्रयास नहीं करती, जिससे ठगी बदस्तूर जारी है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि जिन मोबाइल नंबरों से लोगों के पास फोन आते हैं, उन्हें बंद कराने अथवा उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जहमत पुलिस नहीं उठाती। साइबर सेल में वर्ष 2018 में जनवरी से 10 दिसंबर तक करीब 1690 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 1430 से ज्यादा मामले मोबाइल फोन के जरिये खातों में सेंधमारी के हैं। खास बात यह है कि राजधानी के 43 थानों में आने वाली शिकायतों की संख्या इसमें शामिल नहीं है
किसी कंपनी को नोटिस नहीं
राजधानी पुलिस ने अभी तक किसी टेलीकॉम कंपनी को नोटिस भेजकर जालसाजी के लिए इस्तेमाल किए गए सैकड़ों मोबाइल नंबरों को बंद कराने के लिए पत्र नहीं लिखा है। कार्रवाई न होने से ठगों के हौसले बुलंद हैं। इस कारण जालसाज एक ही फोन नंबर के जरिये कई लोगों से ठगी कर रहे हैं।
सीओ हजरतगंज व नोडल अधिकारी साइबर क्राइम सेल अभय कुमार मिश्र ने बताया कि इस संबंध में टेलीकॉम कंपनियों से बात कर विधिक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस टीम मोबाइल नंबर चिह्न्ति कर संबंधित कंपनियों को भेजेगी और इनकी सर्विस बंद कराई जाएगी।
करते हैं अभद्रता भी
जालसाजों की चाल जिन लोगों को पता चल जाती है और वे एटीएम की जानकारी नहीं देते हैं तो ठग ऐसे लोगों से फोन पर अभद्रता और गाली गलौच भी करते हैं। इसकी शिकायत करने पर भी पुलिस पीड़ितों से ठगों का मोबाइल नंबर ब्लॉक करने का सलाह देकर चुप्पी साध लेती है। इसके चलते तमाम लोग अपने पैसे गवां रहे हैं।