After Ayodhya Verdict : रामलला के साथ खत्म होगा सुरक्षाबलों का भी वनवास, PAC और CRPF के जवानों को मिलेगा स्थाई ठिकाना
After Ayodhya Verdict अयोध्या में सुरक्षा बलों के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का चांदपुर हरवंश में होगा स्थायी ठिकाना। पीएसी की हॉस्टल बिल्डिंग के लिए पूरे हुसैन खां में जमीन
अयोध्या [आनंदमोहन]। टेंट में विराजमान रामलला के साथ ही उनके रखवालों को भी स्थायी ठिकाना मिलने जा रहा है। सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद रामलला के मंदिर निर्माण का मार्ग जहां प्रशस्त हो चला वहीं लगभग 29 वर्षों से स्थायी ठिकाने को मोहताज केंद्रीय सुरक्षा बल और पीएसी जवानों के भी 'अच्छे दिनों की आहट सुनाई पडऩे लगी है। सीआरपीएफ के आवासीय ठिकाने के लिए तो पहले ही 10 हेक्टेयर जमीन चांदपुर हरवंश में मिल चुकी है।
लगभग पौने आठ करोड़ रुपये का भुगतान उसे सरकारी खजाने में करना पड़ा। नवीन मंडी परिसर में अभी सीआरपीएफ 63 वीं बटालियन का अस्थायी ठिकाना है। इसके एवज में लगभग 70 लाख रुपये उस पर बकाया हो गया है। मंडी सचिव कुलभूषण वर्मा के अनुसार वर्ष 1990 से नवीन मंडी परिसर में सीआरपीएफ ने अस्थायी ठिकाना बना रखा है। उसी के भुगतान के लिए सीआरपीएफ को पत्र भेजा जाता है। सीआरपीएफ को जमीन मिल गई है। निर्माण कार्य शुरू है। आवासीय समस्या हल होने के बाद मंडी परिसर खाली हो जाएगा। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय सुरक्षा बलों के अलावा पीएसी की आवासीय समस्या का भी स्थायी हल खोज लिया गया है।
जिला प्रशासन ने सुरक्षा में लगे पीएसी जवानों के लिए लगभग छह एकड़ से अधिक जमीन दिए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। सदर तहसील क्षेत्र में शिक्षा विभाग की यह जमीन पूरे हुसैन खां में स्थित है। रामनगरी में रेड एवं येलो जोन की सुरक्षा में 19 कंपनियां तैनात होने के बावजूद पीएसी जवानों की आवासीय समस्या का निराकरण अभी तक नहीं हो सका। पीएसी की 12 कंपनियां रेड जोन एवं सात कंपनियां येलो जोन में सुरक्षा प्लान के हिसाब से तैनात रहती हैं। डीआइजी पीएसी के ऑफिस को पुलिस लाइन में जगह मिली है। गोरखपुर, गोंडा, बाराबंकी एव रायबरेली की पीएसी बटालियनों का यही कमांड आफिस है।