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अखिलेश के हेरिटेज होटल पर संकटः हाईकोर्ट ने वीवीआइपी जोन में निर्माण पर लगाई रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अखिलेश यादव, उनके पिता मुलायम सिंह यादव, पत्नी डिंपल यादव और जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट को नोटिस जारी कर वीवीआइपी जोन में हो रहे निर्माण पर रोक लगा दी है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 11:14 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 03:38 PM (IST)
अखिलेश के हेरिटेज होटल पर संकटः हाईकोर्ट ने वीवीआइपी जोन में निर्माण पर लगाई रोक
अखिलेश के हेरिटेज होटल पर संकटः हाईकोर्ट ने वीवीआइपी जोन में निर्माण पर लगाई रोक

लखनऊ (जेएनएन)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, उनके पिता मुलायम सिंह यादव, पत्नी डिंपल यादव और जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट को नोटिस जारी करते हुए वीवीआइपी जोन में हो रहे निर्माण पर रोक लगा दी है।

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कोर्ट ने अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर वहां के फोटोग्राफ खींच कर अगली सुनवाई के समय पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हेरिटेज होटल बनाने का सपना शुरू होने से पहले ही विवादों में पड़ गया है। 

जनहित याचिका पर स्वत: संज्ञान 

यह आदेश जस्टिस विक्रम नाथ एवं जस्टिस अब्दुल मोईन की बेंच ने स्थानीय वकील शिशिर चतुर्वेदी की ओर से दायर एक जनहित याचिका पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पारित किया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका से निकालते हुए कहा कि यह बड़े जनहित का मामला है। याचिकाकर्ता किसी कारणवश याचिका वापस न ले ले, इस वजह से कोर्ट ने मसले पर स्वत: संज्ञान लिया।

इस बीच याचिकाकर्ता वकील ने याचिका दाखिल होने के बाद से उसे धमकियां मिलने की बात बताई जिस पर कोर्ट ने प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी को जांच कराकर उसे व उसके परिवार और संपत्तियों की सुरक्षा करने का आदेश दिया है। 

होटल बनाने की बात 

याचिका में उठाए गए मसले पर गौर करते हुए कोर्ट ने पाया कि कालिदास मार्ग, विक्रमादित्य मार्ग और गौतमपल्ली जैसे वीवीआइपी क्षेत्र में नियमों को ताख पर रख कर निर्माण हो रहे हैं। इन क्षेत्रों में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, बोर्ड आफ रेवेन्यू के चेयरमैन, हाईकोर्ट के न्यायाधीशगण, कैबिनेट मंत्रीगण और वरिष्ठ आइएएस अफसर रहते हैं। राजनीतिक दल के लोग इस क्षेत्र में होटल बनाने की बात कर रहे हैं और संस्तुत ऊंचाई से अधिक ऊंची कई बिल्डिंग बन रही हैं। इसके लिए राज्य सरकार और लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की अनुमति नहीं ली गई है।

सिलसिलेवार जवाब मांगा

कोर्ट के सामने आया कि खसरा नंबर 8 डी को नियमों को दरकिनार कर आवासीय से आफिस के बनाने योग्य करार दिया गया है। इसी प्रकार खसरा नंबर 8 सी जिसे दो विक्रमादित्य मार्ग के नाम से जाना जाता है, उस पर पहले आवासीय से आफिस बनाने की अनुमति हासिल कर ली गई। यह भी सामने आया कि इस समय खसरा नंबर 8 डी पर निर्माण चल रहा है जिसकी अनुमति एलडीए से वर्ष 2007 में ली गई थी। कोर्ट ने प्रमुख सचिव आवास, राज्य सम्पत्ति अधिकारी, एलडीए वीसी और नगर आयुक्त से पांच सितंबर  को जवाब तलब करते हुए याचिका में लगाए गए सभी आरोपों पर सिलसिलेवार जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। 

इन प्लाटों पर हो रहे निर्माण पर लगी रोक

जिन प्लाटों पर निर्माण करने से रोक लगाई गई है वे विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित प्लाट नंबर 19 ए मोहल्ला रमना दिलकुशा स्थित खसरा नंबर 8 डी  एवं 8 सी हैं। इन्हें अब विक्रमादित्य मार्ग स्थित 1 ए तथा बंदरिया बाग स्थित हाउस नंबर 7 टाइप 6 के नाम से जाना जाता है। 


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