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Paddy Sell In UP: अफसरों की लापरवाही से कि‍सानों के धान बेचने पर संकट, डाटा सत्यापन में रुचि नहीं ले रहे अफसर

उत्‍तर प्रदेश में इस बार क‍िसानों पर धान बेचने पर संकट के बादन मंडरा रहे हैं। वजह हैं अफसर। अध‍िकार‍ियों की लापरवाही के चलते अभी तक सत्‍यापन पूरा नहीं हुआ है। अब तक 84108 किसानों ने पंजीकरण कराया है और 6047 क‍िसानों का विवरण ही सत्यापित हो सका है।

By JagranEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Fri, 30 Sep 2022 12:52 PM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 12:52 PM (IST)
Paddy Sell In UP: अफसरों की लापरवाही से कि‍सानों के धान बेचने पर संकट, डाटा सत्यापन में रुचि नहीं ले रहे अफसर
Paddy Sell In UP: क‍िसानों के धान बेचने पर संकट के बादल

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Paddy Sell In UP राजस्व विभाग के अमले की लापरवाही धान बेचने की तैयारी किसानों को भारी पड़ सकती है। प्रदेश में अगले माह से शुरू होने वाली धान खरीद के लिए पंजीकरण कराने वाले किसानों के विवरण और भूमि सत्यापन में उपजिलाधिकारी और तहसीलदार रुचि नहीं ले रहे हैं। इसी का नतीजा है कि धान खरीद के लिए खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके 84 हजार से ज्यादा किसानों में से 10 प्रतिशत कृषकों के विवरण का भी अब तक सत्यापन नहीं हो सका है।

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अक्टूबर से शुरू होगी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद

  • सत्यापन के बिना किसान क्रय केंद्रों पर धान नहीं बेच पाएंगे। प्रदेश में पहली अक्टूबर से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीद शुरू होगी।
  • धान बेचने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग के पोर्टल पर 28 सितंबर तक 84108 किसान पंजीकरण करा चुके हैं। पंजीकरण के दौरान किसान पोर्टल पर अपनी खतौनी का विवरण भी दर्ज करते हैं।
  • पोर्टल पर किसान की ओर से दर्ज कराया गया यह विवरण राजस्व विभाग के पोर्टल पर भी प्रदर्शित होता है। किसानों से संबंधित इस विवरण को तहसीलदार, एसडीएम और एडीएम पोर्टल पर अपनी लागिन में देख सकते हैं। उन्हें पंजीकृत किसानों के नाम और उनकी भूमि से संबंधित विवरण का सत्यापन करना होता है।
  • खसरे के माध्यम से वह भूमि के क्षेत्रफल और जिले में धान की औसत उत्पादकता के आधार पर किसान द्वारा बेचने के लिए दर्शाई गई धान की मात्रा का भी सत्यापन करते हैं। उपज के सत्यापन के बिना किसान क्रय केंद्र पर धान नहीं बेच सकते हैं।

सिर्फ 6047 कृषकों का हुआ सत्यापन

पंजीकृत किसानों में से सिर्फ 6047 कृषकों के नाम और भूमि का ही 28 सितंबर तक राजस्व प्रशासन की ओर से सत्यापन किया गया है। पंजीकृत किसानों के विवरण के सत्यापन में लेटलतीफी को देखते हुए ही खाद्य आयुक्त की ओर से जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर तेजी से सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया है।


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