ताबड़तोड़ घटनाओं से बदमाशों की यूपी पुलिस को खुली चुनौती...नेतृत्व पर भी उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश में लगातार हो रहीं वारदात से पुलिस नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं और विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का मौका भी मिल गया है।
लखनऊ, जेएनएन। मेरठ में बुधवार दोपहर चीनू की हत्या के मुख्य आरोपित शादाब ने खुद को गिरफ्तार करने के लिए एसएसपी आफिस जाकर एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह के पैर पकड़े और यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पुलिस ने खूब वाहवाही बटोरी। पुलिस एक ओर अपने इस बुलंद इकबाल पर इतरा रही है तो दूसरी ओर बेखौफ बदमाश उसे खुली चुनौती दे रहे हैं। बस्ती में एपीएन पीजी कालेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या जैसी घटनाएं कानून-व्यवस्था पर सीधे सवाल उठा रही हैं। झांसी में पुलिस मुठभेड़ में पुष्पेंद्र यादव की मौत के मामले में 'इनकाउंटर थ्योरी' ही कठघरे में है।
उत्तर प्रदेश में लगातार हो रहीं वारदात से पुलिस नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं और विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का मौका भी मिल गया है। सोनभद्र नरसंहार कांड के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने सरकार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेरा था। अब सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव झांसी में पुष्पेंद्र यादव की मौत के मामले को सियासी धार दे रहे हैं। दरअसल, बीते दिनों डीजीपी ओपी सिंह ने आंकड़ों का हवाला देकर अपराध कम होने का दावा किया था, लेकिन दुस्साहसिक वारदात इन दावों पर भारी पड़ी हैं।
मेरठ में बीते दिनों सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता व उसके परिवार ने आरोपितों के डर से गांव जाने से ही इन्कार कर दिया था। इसी माह अमेठी में दबंगों ने दबिश देने गई पुलिस टीम पर ही धारदार हथियारों से हमला बोला और हेड कांस्टेबिल जितेंद्र मौर्या की हत्या कर दी। दो दिन पूर्व अलीगढ़ में जमीन विवाद में चंद्रवीर सिंह उर्फ खिल्ली व उनके बेटे उमेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई। सहारनपुर में भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष चौधरी यशपाल सिंह की गोली मारकर हत्या व बरेली में भाजपा नेता के भतीजे सिद्धार्थ रोहतगी के कत्ल की घटनाओं ने भी सवाल खड़े किए। सहारनपुर में मंगलवार रात दो पक्षों के बीच टकराव से पनपे साम्प्रदायिक तनाव और बलरामपुर में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान उपद्रव की घटनाएं भी पुलिस पर भारी पड़ीं।
एक दिन ड्रोन उड़ाने से काम नहीं चलेगा
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया कि विज्ञान का विद्यार्थी पुस्तकालय और प्रयोगशाला नहीं जाएगा तो क्या होगा। एक दिन ड्रोन उड़ाने से काम नहीं चलेगा। बेसिक पुलिसिंग लगातार करनी होगी। वरिष्ठ आइपीएस अधिकारियों को लगातार थानों के कामकाज की मानीटरिंग करनी होगी। आपराधिक अभिसूचना का अभाव और अपराधियों की निगरानी में कमी का नतीजा है कि बदमाश हावी हो रहे हैं।
ये भी हुईं वारदात
- सहारनपुर में 26 सितंबर की रात नागल थानाक्षेत्र में युवती पर फेंका गया तेजाब
- बस्ती में तीन अक्टूबर को युवती पर फेंका गया तेजाब
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