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मुंबई के क्रिकेटर पृथ्वी ने लखनऊ में की सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी

करियर का सिर्फ तीसरा फर्स्ट क्लास मैच रहे शॉ ने अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी भी खेली, इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ 120 रन था।

By Amal ChowdhuryEdited By: Published: Tue, 26 Sep 2017 12:12 PM (IST)Updated: Tue, 26 Sep 2017 12:12 PM (IST)
मुंबई के क्रिकेटर पृथ्वी ने लखनऊ में की सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी
मुंबई के क्रिकेटर पृथ्वी ने लखनऊ में की सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी

लखनऊ (जागरण संवाददाता)। दलीप ट्राफी में डेब्यू कर रहे इंडिया रेड के 17 वर्षीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (154 रन, 249 गेंद, 18 चौके, 01 छक्का) ने मौके का पूरा फायदा उठाते हुए इंडिया ब्लू के खिलाफ पहले दिन शतक ठोंक दिया। वह सचिन तेंदुलकर और दीपक हुड्डा के बाद तीसरे बल्लेबाज बन गए, जिन्होंने और रणजी ट्रॉफी के डेब्यू मैच में शतक जड़े।

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करियर का सिर्फ तीसरा फर्स्ट क्लास मैच रहे शॉ ने अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी भी खेली। इससे पहले उनका सर्वश्रेष्ठ 120 रन था, जो उन्होंने मुंबई के लिए तमिलनाडु के खिलाफ बनाए थे। यह उनका डेब्यू रणजी मैच था।

लखनऊ में हो रहे खिताबी मुकाबले के पहले दिन इकाना अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की उखड़ती पिच पर पृथ्वी ने कप्तान दिनेश कार्तिक (111) के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 211 रन की साझेदारी की। इंडिया रेड ने शॉ और कार्तिक के शतकीय प्रहार की मदद से इंडिया ब्लू के खिलाफ पहले दिन स्टंप तक 83.3 ओवर में पांच विकेट के नुकसान पर 317 रन बनाए। इशांक जग्गी (09) पिच पर डटे हुए हैं, जबकि बाबा इंदरजीत (04) का विकेट गिरने के साथ ही सोमवार को खेल खत्म घोषित कर दिया गया।

कार्तिक ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन ओपनर अखिल हेरवाड़कर (25) पृथ्वी का लंबा साथ नहीं निभा सके। यह सलामी जोड़ी 24वें ओवर में रन लेते समय गलतफहमी का शिकार होकर टूट गई। सूर्यकुमार यादव (08) भी जल्दी चलते बने। रेड टीम ने दो विकेट 89 रन पर खो दिए थे।

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पृथ्वी का धैर्य: चार साल पहले मुंबई में हैरिस शील्ड के दौरान 546 रन बनाकर सुर्खियों में आए पृथ्वी ने दिखा दिया कि उन्हें सही मौके का इंतजार था। उन्होंने इशांत, उनादकट, पंकज सिंह जैसे तेज गेंदबाजों के साथ स्पिनर भार्गव भट की गेंदों को शानदार तरीके से खेला।

लाल मिट्टी की पिच ने छोड़ दिया रंग: लाल मिट्टी वाली पिच पहले सेशन से ही टूटने लगी। इसका कारण पिछले गुरुवार से शनिवार तक हुई बारिश थी। लाल मिट्टी की पिच को दुरुस्त करने के लिए काफी दुरमुट चलाए गए, लेकिन इतना भर काफी नहीं था।

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