भारी बारिश से उन्नाव के निकट आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे धंसा
उन्नाव में औरास क्षेत्र के गांव पंचम खेड़ा के पास सड़क पर फिर से दरार आ गई।यूपीडा ने दरार भरने के लिए मरम्मत का काम शुरू किया।
लखनऊ (जेएनएन)। उन्नाव में औरास क्षेत्र के गांव पंचम खेड़ा के पास सड़क पर फिर से दरार आ गई। इसकी सूचना मिलते ही आनन फानन यूपीडा कर्मी मौके पर पहुंचे और भरी दरार भरने के लिए मरम्मत का काम शुरू किया। एक्सप्रेस वे पर पचंम खेड़ा के पास आगरा से लखनऊ जाने वाली पट्टी पर बुधवार को सड़क की मरम्मत का काम शुरू किया सड़क पर दरार देख चालकों में दहशत का माहौल है। उधर इटावा के आसपास एक्सप्रेस-वे पर बारिश के बाद कई किलोमीटर तक मिट्टी धंसकती जा रही है।
मिट्टी डालने में सारे नियम दरकिनार
निर्माण के दौरान मिट्टी की गुणवत्ता में कमी इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। आगरा से लखनऊ को जोडऩे वाला सबसे सीधा मार्ग पिछले 15 दिनों से बारिश की मार नहीं झेल पा रहा है। सड़क में दरार आने, पुलों के नीचे पानी भरने, ड्रेन टूटने और एक्सप्रेस-वे किनारे बने रेन हार्वेस्टिंग वाटर प्लांट के सही से काम नहीं करने से समस्या और भी गंभीर होती जा रही है। इटावा के चौपुला से भरतिया के बीच में करीब 15 किलोमीटर सड़क के दोनों ओर मिट्टी धंसक रही है। कई जगहों पर तो मिट्टी के ऊपर लगाए गए पत्थर भी धंसक गए हैं। सूत्र बताते है कि निर्माण के दौरान एक्सप्रेस-वे पर भारी मात्रा में ऊसर की मिट्टी डाल दी गई जबकि निर्माण के दौरान गुणवत्तापरक मिट्टी को ही मार्ग पर डाला जाना चाहिए था। इसके बाद भी सारे नियमों को दरकिनार कर डाली गई ऊसर की मिट्टी आज भारी बाधा बन कर उभर रही है।
जहां घास नहीं वहां ज्यादा समस्या
एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा होते ही सड़क के दोनों किनारों पर जिन-जिन स्थानों पर मार्ग को ऊपरी सतह दी गई है उन सभी स्थानों पर एक्सप्रेस-वे से सर्विस रोड की ओर बने ढलान पर घास लगाया गया। जिन-जिन स्थानों पर मिट्टी गुणवत्तापरक थी वहां घास जमकर तैयार हो गई, लेकिन जिन स्थानों पर ऊसर की मिट्टी पड़ी, वहां घास नहीं जमी। अब बारिश के दौरान उन्हीं स्थानों पर सबसे ज्यादा मिट्टी धंसकी है। बेरीकेडिंग के लिए लगाए गए पोल भी ढहने की कगार पर आ गए। निर्माता कंपनी नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर नीरज बालियान ने बताया कि भारी बारिश के कारण ही कुछ स्थानों पर मिट्टी धंसकी है जिसे लगातार दुरुस्त कराया जा रहा है। कुछ स्थानों पर ऊसर की मिट्टी होने के कारण घास नहीं जम सकी है और ऐसे स्थानों पर ही ज्यादा समस्या आई है।