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Lucknow COVID-19 News: लखनऊ में आक्सीजन के अभाव में हुई मरीज की मौत, अस्पताल प्रशासन ने नहीं की सुनवाई

मृतक मरीज की रिश्तेदार निधि के मुताबिक उनके पास सारे साक्ष्य मौजूद हैं। सीएमओ से लेकर शासन स्तर तक के अधिकारियों से वह शिकायत कर चुकी हैं पर ऊंची पहुंच के कारण अभी तक अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई।

By Rafiya NazEdited By: Published: Sat, 01 May 2021 10:20 AM (IST)Updated: Sat, 01 May 2021 10:20 AM (IST)
Lucknow COVID-19 News: लखनऊ में आक्सीजन के अभाव में हुई मरीज की मौत, अस्पताल प्रशासन ने नहीं की सुनवाई
टेंडर पॉम हास्पिटल में आक्सीजन के अभाव में हुई थी मरीज की मौत।

लखनऊ, जेएनएन। टेंडर पॉम हास्पिटल में मेरे जीजा जी भर्ती थे। वहां लाखों रुपये का भुगतान होने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ठीक से इलाज नहीं कर रहा था। इलाज और आक्सीजन के अभाव में मेरे जीजा शंकर गुप्ता निवासी अवध विहार की अंततः मृत्यु हो गई। उन्होंने तड़पते हुए मुझे फोन कर मैसेज किया था कि अस्पताल में घुटन हो रही है। इलाज नहीं मिल रहा है मैं मर जाऊंगा। यह कहना है निधि का।

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निधी ने बताया कि उनके जीजा का यह मैसेज 28 अप्रैल की रात को उनके पास वाट्सएप पर आया था। उन्होंने फोन कर भी जानकारी दी थी। इसके बाद अस्पताल संचालिका अनुभा यादव को मैंने फोन कर उनकी स्थिति के बारे में अवगत कराया। अनुभा ने कहा कि नहीं सब ठीक है। परेशान मत हो। निधि ने बताया कि जब वह अस्पताल पहुंची तो उनके जीजा की सांसे थम चुकी थीं। आस पड़ोस के लोगों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि 10ः30 के करीब शंकर गुप्ता की मृत्यु हो गई थी, लेकिन उन्होंने परिवारीजनों को सूचना रात 12 बजे दी और कहा कि तबियत बिगड़ गई है शंकर को आइसीयू लेकर जा रहे हैं। निधि का कहना है कि तड़प-तड़पकर उनके जीजा की मृत्यु हो गई। जीजा को अस्पताल में 14 अप्रैल को भर्ती कराया गया था। 10 दिन बाद उनकी जांच हुई तो कोविड रिपोर्ट निगेटिव हो गई थी। लेकिन अस्पताल में जो जीजा की फाइल थी उससे कोविड रिपोर्ट भी अस्पताल के कर्मचारियों ने गायब कर दी। निधि के मुताबिक उनके पास सारे साक्ष्य मौजूद हैं।

सीएमओ से लेकर शासन स्तर तक के अधिकारियों से वह शिकायत कर चुकी हैं पर ऊंची पहुंच के कारण अभी तक अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। निधि ने खुद अस्पताल में हंगामा किया उन्होंने हमारे ईएमओ और कर्मचारियों के साथ मारपीट की है। अस्पताल के कर्मचारियों को धमाकाया था। इसका वीडियो भी मेरे पास है। उन्होंने खुद को शंकर का रिश्तेदार बताया था, लेकिन जब शंकर की पत्नी और बच्चों से इनके बारे में पूछा गया तो उन्होंने निधि से किसी भी रिश्तेदारी से इंकार कर दिया था। उनक कहना था कि उन्होंने निधि के माध्यम से शंकर को अस्पताल में सिर्फ भर्ती कराया है। इसके अलावा वह उन्हें नहीं जानते हैं। अस्पताल प्रशासन खुद निधि के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएगा।


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