मुख्तार अंसारी के बेटों की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने लगाई रोक, दोनों पर घोषित था 25-25 हजार का इनाम
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मुख्तार अंसारी के दोनों बेटों की गिरफ्तारी पर बुधवार को अंतरिम रोक लगा दी है। ये फैसला मामले की विवेचना में लिया गया जबकि लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने मुख्तार के बेटों अब्बास और उमर पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी।
लखनऊ, जेएनएन। इलाहाबाद हाई केार्ट की लखनउ खंडपीठ ने बुधवार केा माफिया डान और बीएसपी एमएलए मुख्तार अंसारी के दो बेटों के खिलाफ डालीबाग की एक शत्रु सम्पत्ति पर निर्माण करने के मामले दर्ज प्राथमिकी पर दौरान विवेचना उनकी गिरफतारी पर अंतरिम रेाक लगा दी है। केार्ट ने हालांकि देानों को विवेचना में सहयेाग करने का आदेश दिया है।
यह आदेश जस्टिस डी के उपाध्याय व जस्टिस संगीता यादव की पीठ ने अब्बास अंसारी व उमर अंसारी की याचिका पर पारित किया है। कोर्ट ने सरकार केा चार हफ्ते में अपना प्रतिशपथपत्र दाखिल करने का भी आदेश दिया है।
याचियेां की अेार वरिष्ठ अधिवक्ताओं जेएन माथुर , एचजीएस परिहार व अरूण सिन्हा ने पक्ष रखा। माथुर ने तर्क दिया कि प्राथमिकी को पढ़ने से ही याचियेां के खिलाफ प्रथम दृष्टया केाई अपराध नहीं बनता । उन्होंने कहा कि जब अपराध कारित करने की बात कही जा रही है तब तेा याचियेां का जन्म भी नहीं हुआ था। कहा गया कि दुर्भावना के कारण प्राथमिकी लिखायी गयी है।
वहीं महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिका पोषणीय नहीं है क्योकि याचीगण कोर्ट के सामने क्लीन हैण्ड से नहीं आये हैं । उन्हेाने यह भी तर्क दिया कि याची अग्रिम जमानत का आवेदन कर सकते हैं अतः उन्हें रिट दायर कर प्राथमिकी केा चुनौती देने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने महाधिवक्ता के सारे तर्को को नकार दिया । केार्ट ने यहां तक कहा कि महाधिवक्ता के तर्क मिथ्या हैं।