एनसीसी कैडेटों को अश्लील मैसेज और वीडियो भेजने के मामले में फंसे मेजर जनरल
मेजर जनरल शरद बीती एक जून को यूपी एनसीसी के एडीजी बने थे। देश में सर्वाधिक 13 लाख कैडेटों वाले यूपी एनसीसी मुख्यालय में तैनाती से पहले वह गुजरात एनसीसी में थे।
लखनऊ [निशांत यादव]। गुजरात में एनसीसी बालिका कैडेटों को अश्लील मैसेज और वीडियो भेजने के मामले में सेना के एक वरिष्ठ अफसर फंस गए हैं। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में अब तक मिले साक्ष्यों के आधार पर रक्षा मंत्रालय ने उनको यूपी एनसीसी के एडीजी पद से हटा दिया। उनकी जगह यूपी व उत्तराखंड भर्ती मुख्यालय के एडीजी मेजर जनरल एके सापरा (वीएसएम) को एनसीसी का एडीजी बनाया गया है।
मेजर जनरल शरद बीती एक जून को यूपी एनसीसी के एडीजी बने थे। देश में सर्वाधिक 13 लाख कैडेटों वाले यूपी एनसीसी मुख्यालय में तैनाती से पहले वह गुजरात एनसीसी में थे। उसी दौरान गुजरात की बालिका एनसीसी कैडेटों ने उनके ऊपर मोबाइल फोन से पोर्न वीडियो व पिक्चर भेजने के आरोप लगाए थे। एनसीसी गुजरात मुख्यालय की ओर से रक्षा मंत्रालय को भेजे पत्र के बाद कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित की गई।
सितंबर के पहले सप्ताह से कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू हुई। इंक्वायरी आर्टीलरी स्कूल में तैनात लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के नेतृत्व में दो राज्यों के एनसीसी निदेशालय के एडीजी और कर्नल रैंक की महिला सैन्य अधिकारी ने शुरू की। जांच में घटना से जुड़े मोबाइल फोन और गूगल पर स्टोर डाटा को खंगाला गया था। एनसीसी बालिकाओं के बयान दर्ज कराए गए।
समरी ऑफ एविडेंस के दौरान ही मेजर जनरल शरद अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। फिलहाल उनको एडीजी पद से हाथ धोना पड़ा। रक्षा मंत्रालय ने अब उनकी नई तैनाती पर रोक लगा दी है।
नए एडीजी के आगे चुनौतियां
तेज तर्रार मेजर जनरल एके सापरा के आगे कम समय में गणतंत्र दिवस परेड में यूपी एनसीसी का शानदार प्रदर्शन करना बड़ी चुनौती है। आइआइटी कानपुर से इंजीनियङ्क्षरग डिग्री कोर्स में उनको गोल्ड मेडल मिला है। वह इंजीनियङ्क्षरग रेजीमेंट, ब्रिगेड व माउंटेन ब्रिगेड की कमान संभाल चुके हैं। पश्चिमी मोर्चे पर इंफेंट्री डिवीजन को कमान करते हुए उनको 2016 में विशिष्ट सेवा मेडल मिला।