एक पर्ची पर लिखे नंबरों ने हल की ब्लाइंड मर्डर की थ्योरी, ऐसे हुआ खुलासा Barabanki news
हक मांगने व धमकाने पर हुई थी आलिया की हत्या। बहाने से रामनगर लाकर की गई थी हत्या। हत्यारोपित प्रेेेेमी और उसकी पत्नी गिरफ्तार।
बाराबंकी, जेएनएन। 24 नवंबर को रामनगर क्षेत्र में हत्याकर शव फेंकने की वारदात का पुलिस ने राजफाश कर दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक अभी पुलिस की पकड़ से दूर है। युवती की हत्या हक मांगने और दुष्कर्म के आरोप में फंसाने की धमकी देने के कारण की गई थी।
अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी आरएस गौतम ने बताया कि ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के अकबरीगेट निवासी आलिया की एक रिश्तेदार रामनगर थाना क्षेत्र में रहती है। उससे मिलवाने के बहाने लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के हसरत टाउन बरौर हुसैनबाड़ी बालागंज निवासी शहंशाह अपनी पत्नी आयशा खान उर्फ शिल्पी द्विवेदी और मित्र अफताब के साथ कार से निकले थे। रास्ते में आलिया को अफताब और आयशा बस से लेकर चले और घाघरा पुल पर उतरे। इसके बाद घाघरा घाट की ओर ले जाकर दुपट्टे से गला कसकर व मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने साजिशकर्ता शहंशाह और हत्या करने में शामिल उसकी पत्नी आयशा को गिरफ्तार कर लिया है। दूसरा हत्यारोपित अफताब पकड़ से दूर है।
एएसपी ने बताया कि मृतका आलिया का पति दुबई में रहता है और उसके ससुरालीजन प्रताडि़त करते थे। इसी बीच वह प्रॉपर्टी डीलर शहंशाह के संपर्क में आई। करीब सवा साल से आलिया अपनी ससुराल छोड़कर शहंशाह के साथ पत्नी के रूप में रह रही थी। मूल रूप से रायबरेली निवासी आलिया ने ससुराल छोड़कर शहंशाह के साथ रहने लगी थी। आलिया 23 दिसंबर को शहंशाह के घर पहुंची और स्वयं को पत्नी बताकर संपत्ति में हक मांगने लगी और न देने पर शहंशाह को दुष्कर्म के मुकदमे में फंसाने की धमकी दी थी।
पर्ची पर लिखा था आयशा का मोबाइल नंबर
कहते हैं कि अपराधी कितना ही शातिर क्यों न हो। कोई न कोई ऐसी गलती कर जाता है जिससे वह कानून की जद में आ जाता है। आलिया हत्याकांड में भी कुछ ऐसा ही रहा। आलिया के पास से जो पर्ची मिली थी उस पर आयशा का मोबाइल नंबर मिला। पुलिस इस एक मोबाइल नंबर की मदद से हत्यारोपितों तक पहुंच गई।
आलिया को लेकर जब अफताब सहित चारों लखनऊ से रामनगर के लिए निकले तो रास्ते में आलिया को ठंड लगने लगी। आयशा ने उसे अपनी जैकेट पहनने को दे दी। बस यही आयशा की भूल थी। दरअसल कुछ दिन पहले आयशा ने एक सिम खरीदा था, जिसका नंबर दुकानदार ने लिखकर एक पर्ची पर उसे दिया था। उस समय आयशा वही जैकेट पहने थी, जिसे उसने आलिया को पहनाया था। वारदात स्थल पर पुलिस को बस यही पर्ची हाथ लग गई और आखिरकार उसने आयशा और उसके पति शहंशाह को गिरफ्तार कर लिया। मौके पर मिली शॉल भी आयशा की थी।
सिपाही की ट्रेनिंग कर चुकी है आयशा
मूल रूप से गोंडा जिले के आर्यनगर निवासी आयशा उर्फ शिल्पी द्विवेदी का पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुई थी। जिसके बाद वह सात-आठ माह उत्तराखंड देहरादून में सिपाही की ट्रेनिंंग भी ली। वह परास्नातक है और कुछ वर्ष पूर्व एक मेडिकल कॉलेज से जेएनएम का कोर्स कर रही थी तभी वह शहंशाह के संपर्क में आई और उससे प्रेम विवाह किया था।