UP: कफ सीरप घोटाले के दो आरोपितों की जमानत याचिका खारिज, लखनऊ की कोर्ट में हुई सुनवाई
Banned Cough Syrup Scam: न्यायालय ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थिति में जब मामले की विवेचना प्रचलित है, तो जमानत अर्जी स्वीकार ...और पढ़ें

विभोर राणा व विशाल सिंह के साथ घोटाले के अन्य आरोपित
विधि संवाददाता, लखनऊ: जिला एवं सत्र न्यायाधीश छह ने शनिवार को कफ सीरप घोटाला मामले में आरोपित सहारनपुर के भाइयों विभोर राणा व विशाल सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी। सौ करोड़ रुपये के कफ सीरप घोटाले में दोनों को एसटीएफ की टीम ने 12 नवंबर को सहारनपुर से गिरफ्तार किया था।
न्यायालय ने जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थिति में जब मामले की विवेचना प्रचलित है, तो जमानत अर्जी स्वीकार करने का कोई आधार नहीं है। लखनऊ कोर्ट ने कहा कि इनका अंतरराष्ट्रीय रैकेट है और दोनों देश छोड़कर भाग सकते हैं। अभियोजन पक्ष ने न्यायालय के समक्ष बताया गया कि यह मामला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कफ सीरप की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय तस्करी से संबंधित है। जिसकी जांच अभी चल रही है।
आरोपित विभोर राणा व विशाल सिंह से पूछताछ के बाद एसटीएफ को अमित कुमार सिंह 'टाटा' तक पहुंचने में सफलता मिली, जिसे 27 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। जौनपुर निवासी अमित टाटा कथित तौर पर कोडीन आधारित कफ सीरप का कारोबार करने वाला एक बड़ा अवैध नेटवर्क संचालित कर रहा है। जिसमें कई सफेदपोश व्यक्तियों का दखल है।
वरिष्ठ एसटीएफ अधिकारियों ने भी पुष्टि की है कि यह अवैध नेटवर्क कई राज्यों और पड़ोसी देशों में फैला हुआ है। आरोपितों ने पूछताछ के दौरान बताया कि अमित सिंह 'टाटा' का परिचय आजमगढ़ के विकास सिंह के जरिए वाराणसी के प्रह्लाद घाट निवासी शुभम जायसवाल से हुआ था।
बताया गया कि शुभम जायसवाल झारखंड के रांची में शैली ट्रेडर्स नाम से एबाट कंपनी के फेंसेडिल कफ सीरप का बड़ा कारोबार करता है। जायसवाल इस घोटाले का कथित मुख्य आरोपित है। घोटाला सामने आने के बाद वह दुबई भाग गया। इसी मामले में सोनभद्र पुलिस ने 30 नवंबर को तस्कर भोला प्रसाद जायसवाल, भगोड़े सरगना शुभम जायसवाल के पिता को भी कोलकाता, पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया जा चुका है।
अमित और आलोक की जमानत पर होनी है सुनवाई
इस मामले में मुख्य भूमिका निभाने वाले एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और अमित सिंह टाटा की जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी है। ऐसे में विशाल और विभोर की जमानत याचिका खारिज होने पर उनकी भी खारिज होने की उम्मीद है।

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