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Coronavirus Side Effects After Recovery: कोरोना से हो रहा फाइब्रोसिस, दे सकता है जिंदगी भर का दर्द

Coronavirus Side Effects After Recovery करीब 30 फीसद कोरोना मरीजों के फेफड़ों पर अटैक कर रहा वायरस। होम आइसोलेशन में रहने वाले व बिना लक्षणों वाले कुछ मरीज भी आ रहे चपेट में। कोरोना के संक्रमण से बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 05:27 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 06:21 AM (IST)
Coronavirus Side Effects After Recovery: कोरोना से हो रहा फाइब्रोसिस, दे सकता है जिंदगी भर का दर्द
करीब 30 फीसद कोरोना मरीजों के फेफड़ों में फाइब्रोसिस हो रहा है।

लखनऊ, (धर्मेंद्र मिश्रा)। देश-दुनिया को तबाही का मंजर दिखा रहा कोरोना जिंदगी भर का दर्द दे सकता है। विशेषज्ञों का दावा है कि कोरोना की वजह से पॉजिटिव मरीजों के फेफड़ों में फाइब्रोसिस हो रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह बीमारी कुछ बिना लक्षणों वाले मरीजों यानि एसिम्प्टोमैटिक को भी अपना शिकार बना रही है। फाइब्रोसिस की वजह से फेफड़ों में सिकुड़न व सूजन हो सकती है। इससे कोरोना पीड़ितों की जान भी जा सकती है। जो मरीज जिंदा बच जाते हैं, उन्हें जिंदगी में कभी भी फेफड़ों में निमोनिया व अन्य तरह का संक्रमण होने का खतरा इसकी वजह से बना रहता है। इसलिए लोगों को कोरोना के संक्रमण से बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है।

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मरीजों के एक्सरे में दिख रहा फाइब्रोसिस

लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ विक्रम सिंह कहते हैं कि कोरोना पीड़ितों के फेफड़े का एक्सरे करने पर कुछ मरीजों में फाइब्रोसिस की मौजूदगी देखी जा रही है। इसमें मरीज के फेफड़े पर एक विशेष स्थान पर काला धब्बा दिखता है। बाद में धीरे-धीरे उस स्थान पर सिकुड़न या सूजन आने लगती है। इससे मरीज को सांस लेने में भारी परेशानी होती है। ऐसे में मरीजों का ऑक्सीजन लेवल भी गिरने लगता है।

फाइब्रोसिस होने पर निमोनिया का भी खतरा

कई बार फाइब्रोसिस की वजह से मरीज को निमोनिया या सीवियर निमोनिया भी हो जाता है। अगर कोरोना मरीजों को फाइब्रोसिस और निमोनिया दोनों हो गया तो उनकी जान बचाना बेहद मुश्किल हो जाता है। फाइब्रोसिस ऐसी समस्या है जो एक बार हो जाने पर कभी निमोनिया के तौर पर तो कभी अन्य तरह के संक्रमण के तौर पर जिंदगी में कभी भी बीच-बीच में उभर सकती है।

करीब 30 फीसद मरीजों में कोरोना की वजह से फाइब्रोसिस

डॉ विक्रम सिंह कहते हैं कि देश-विदेश के विभिन्न अध्ययनों में यह पाया गया है कि करीब 30 फीसद कोरोना मरीजों के फेफड़ों में फाइब्रोसिस हो रहा है। हैरानी की बात यह है कि जो मरीज एसिंप्टोमेटिक हैं। यानी जिसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं दिखते, उनमें से भी कुछ फीसद मरीज फाइब्रोसिस के शिकार हो रहे हैं। इसलिए सभी लोगों को बराबर की सावधानी बरतनी है।

एचडीयू व आइसीयू में भर्ती होने वाले लगभग सभी मरीज शिकार

डॉ विक्रम सिंह के अनुसार जिन मरीजों को एचडीयू और आइसीयू में भर्ती करने की नौबत आ रही है, उनमें से लगभग सभी को फाइब्रोसिस हो रहा है। इतना ही नहीं जो मरीज होम आइसोलेशन में हैं उनमें से भी कुछ फीसद मरीजों में इसकी उपस्थिति देखी जा रही है।

तेज चलने पर सांस फूलना है प्रमुख लक्षण

अगर किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज की सांस तेज चलने पर फूलती है तो यह फाइब्रोसिस होने का प्रमुख लक्षण हो सकता है। फेफड़े के जिस एरिया में संक्रमण होता है, वहां बैक्टीरिया का जमाव हो जाता है। इससे फेफड़े में सिकुड़न आ जाती है। यह समस्या लाइफटाइम बनी रह सकती है।

सावधानी

  • मास्क व शारीरिक दूरी का पालन करें।
  • हैंड हाइजीन और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
  • गर्म पानी पीएं। बीच-बीच में भाप भी लेते रहें।
  • फ्रीज में रखी वस्तुएं खाने-पीने से परहेज़ करें।
  • विटामिन सी व डी की शरीर में कमी न होने दें।
  • प्रोटीन और फाइबर युक्त भोजन करें।
  • किसी भी स्थिति में शरीर की इम्यूनिटी कम ना होने दें। 

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