वित्तीय संसाधन तलाशने में जुटी यूपी सरकार, कई फ्लैगशिप परियोजनाओं को लगेगा कोरोना का झटका
कोरोना आपदा से निपटने के लिए वित्तीय संसाधन तलाशने में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जिस तरह से सरकारी खर्चों और नए निर्माण कार्यों में कटौती के संकेत दिए हैं।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। कोरोना आपदा से निपटने के लिए वित्तीय संसाधन तलाशने में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जिस तरह से सरकारी खर्चों और नए निर्माण कार्यों में कटौती के संकेत दिए हैं, उससे कई फ्लैगशिप परियोजनाओं पर कैंची चलने के आसार हैं। यूपी सरकार के लिए राजस्व लेखे के खर्च (शासन के अधिष्ठान से जुड़े खर्च) में एक हद से ज्यादा कटौती कर पाना मुश्किल है। लिहाजा कोरोना संकट से निपटने के लिए पूंजीगत परिव्यय में भारी कटौती किया जाना लगभग तय है।
योगी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के वर्ष के लिए 5,12,860.72 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है। इस बजट में 81209.49 करोड़ रुपये पूंजीगत परिव्यय यानी उन निर्माण व विकास कार्यों के लिए आवंटित हैं जिनके जरिए नई परिसंपत्तियों का सृजन होना है। बजट में 10967 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल हैं। सरकार ने संकेत दिया है कि प्रदेश में सामान्यत: नए निर्माण कार्य नहीं शुरू होंगे। जो निर्माण कार्य पहले से शुरू हो चुके हैं, उन्हें जारी रखा जाएगा। बेहद अपरिहार्य परिस्थितियों में ही नए निर्माण कार्य शुरू किए जाएंगे। इस आधार पर यह माना जा रहा है कि कोरोना आपदा से निपटने के लिए संसाधन जुटाने की खातिर सरकार पूंजीगत परिव्यय में बड़ी कटौती करेगी।
योगी सरकार ने मेरठ से प्रयागराज तक प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का एलान किया है। 647 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे की लागत लगभग 50,000 करोड़ रुपये है। इस एक्सप्रेस-वे के लिए अभी जमीन खरीदने का काम बाकी है। चालू वित्तीय वर्ष के बजट में गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए 2000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सरकार ने इस साल के अंत तक गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास करने की मंशा जताई थी लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में सरकार की इस फ्लैगशिप परियोजना पर ग्रहण लगने के आसार हैं।
बलिया को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए प्रस्तावित बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए भी बजट में 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस परियोजना को भी झटका लगना तय माना जा रहा है। गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए प्रस्तावित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के दोनों और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित करने के लिए बजट में 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इस परियोजना के भी प्रभावित होने के आसार हैं।
इस वित्तीय वर्ष के बजट की नई घोषणाओं में सरकार ने आजमगढ़, अलीगढ़ और सहारनपुर में राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना के साथ प्रयागराज में विधि विश्वविद्यालय और राजधानी लखनऊ में पुलिस फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए भी आवंटन किया है। पर्यटन स्थलों के लिए जमीन खरीदने के लिए भी 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल के निर्माण के लिए भी 50 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है। वाराणसी गोरखपुर व अन्य शहरों में मेट्रो रेल परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। वाराणसी व प्रयागराज में शूटिंग रेंज की स्थापना के लिए भी 15 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह परियोजनाएं भी प्रभावित होंगी।
जनहित में पूरे होंगे अधूरे विकास कार्य : वित्त मंत्री
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना का स्पष्ट तौर पर कहना है कि स्वीकृत सभी विकास कार्यों को जनहित में पूरा किया जाएगा। खन्ना के मुताबिक नए पदों के सृजन पर भले ही रोक लगाई गई है लेकिन सृजित पदों को आवश्कतानुसार भरा जा सकता है। वित्त के साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग का भी दायित्व संभाल रहे खन्ना ने बताया कि सूबे के सभी मेडिकल कालेजों में एडवांस लैब स्थापित की जाएगी।