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Coronavirus Effect: कोरोना वायरस फेफड़े के साथ गुर्दे को भी कर सकता है बीमार

किडनी की परेशानी के कारण भी हो सकती है सांस लेने में परेशानी कोरोना का संक्रमण गुर्दे को भी खराब कर सकता है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 07:16 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 08:13 AM (IST)
Coronavirus Effect: कोरोना वायरस फेफड़े के साथ गुर्दे को भी कर सकता है बीमार
Coronavirus Effect: कोरोना वायरस फेफड़े के साथ गुर्दे को भी कर सकता है बीमार

लखनऊ [कुमार संजय]। कोरोना वायरस का संक्रमण सिर्फ फेफड़े तक ही सीमित नहीं है। यह गुर्दे के लिए भी घातक है। कोरोना संक्रमित मरीज के गुर्दे भी परेशानी हो सकती है। गुर्दा मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। किडनी के परेशानी के कारण सांस फूलने की भी परेशानी हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोरोना संक्रमण है। हम लोगों के पास कई मामले ऐसे भी आए जिनमें सांस लेने की परेशानी के साथ , बुखार की परेशानी थी लेकिन कोरोना निगेटिव आया है। इस लिए किडनी की परेशानी है और सांस लेने में परेशानी है तो परेशान न हो केवल एहतियात बरतें।

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कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों पर शोध हुआ तो देखा गया कि मरीजों में सीरम क्रिटनिन के साथ ही कई खून की जांचें गड़बड़ मिली। शोध पत्र इंटरनेशनल किडनी जर्नल में प्रकाशित हुआ है। यह जर्नल इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी का है।

100 मरीजों पर हुआ शोध

इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के सचिव व पीजीआइ के वरिष्ठ नेफ्रोलॉजिस्ट प्रो. नारायण प्रसाद बताते हैं कि कोरोना वायरस से पीडि़त चीन और ताइवान के करीब 100 मरीजों पर शोध किया गया। इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के सदस्य और गुर्दा विशेषज्ञों ने इनकी खून और पेशाब की जांच से लेकर दूसरी अन्य जांचों का अध्ययन किया गया। जिसमें पाया गया है कि कोरोना का फेफड़े को संक्रमण की गिरफ्त में लेने के साथ ही गुर्दे की सेहत बिगाड़ रहा है।

इनमें से 15 फीसद पीडि़तों में सीरम क्रिटनिन बढ़ा हुआ पाया गया। इसके अलावा इनमें 50 प्रतिशत मरीजों में प्रोटीन की मात्रा अधिक मिली। 26 प्रतिशत मरीजों में लाल रक्त कणिकाएं बढ़ी हुई पाई गईं।

भीड़भाड़ की जगहों में जाने से बचें

प्रो. नारायण प्रसाद बताते हैं कि किडनी की बीमारी से पीडि़त मरीज बाजार आदि भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। मुंह में मास्क का प्रयोग करें। दिन में कई बार हाथ धुलें। सैनिटाइज करें। खुद के साथ ही अपने आसपास भी साफ सफाई रखें। बाहर के खानपान की चीजों से परहेज करें।

यह रहें सतर्कं

गुर्दे की बीमारी से पीडि़त मरीज जो इलाज कराने के साथ ही डायलिसिस और गुर्दा प्रत्यारोपण करा चुके लोग सावधानी बरतें। इसके अलावा 60 साल से अधिक उम्र के लोग खासतौर पर सतर्क रहें। उम्र बढऩे के साथ ही इनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। सर्दी, जुखाम, खांसी व बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह लें।


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