Coronavirus Effect: कोरोना वायरस के संक्रमण में दिल दे रहा दगा, रहें सतर्क
Coronavirus वायरस से संक्रमित करीब 20 फीसद मरीजों में इसके चलते कार्डियक इंजरी सामने आ चुकी है।
लखनऊ [कुमार संजय]। Coronavirus: कोरोना वायरस के संक्रमण से सर्दी, खांसी, बुखार और निमोनिया के साथ आपका दिल भी दगा दे सकता है। वायरस से संक्रमित करीब 20 फीसद मरीजों में इसके चलते कार्डियक इंजरी (हृदय से जुड़ी समस्या) सामने आई है। ऐसे मरीजों में खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए इन्हें वेंटीलेटर की जरूरत ज्यादा पड़ती है।
हालही में जर्नल आफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित शोध में ये बातें सामने आई हैं। हृदय रोग विशेषज्ञों ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसके मुताबिक, तैयारियां शुरू कर दी हैं। दरअसल, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों में क्या-क्या परेशानी हो सकती हैं, यह जानने के लिए स्थानीय विशेषज्ञ लगातार इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल पर नजर रखे हुए हैं। इसी कड़ी में यह नई जानकारी सामने आई है।
जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, वायरस से संक्रमित होकर भर्ती होनेवाले 21 से 95 वर्ष के 416 मरीजों पर शोध किया गया। एसोसिएशन आफ कार्डयिक इंजरी विथ मोर्टलिटी इन हास्पिटलाइच्ड पेशेंट विथ कोविड-19 विषय पर हुए इस शोध में चौंकाने वाली बातें सामने आईं। रिपोर्ट के मुताबिक, विशेषज्ञों ने देखा कि कार्डियक इंजरी वाले वेंटीलेटर की जरूरत अधिक पड़ी। जिनमें कार्डियक इंजरी नहीं थी, उनमें से कम मरीजों में वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी। देखा गया कि कार्डियक इंजरी वाले 46.3 फीसद मरीजों में नान इनवेसिव वेंटीलर की जरूरत पड़ी और 22 फीसदी में इनवेसिव वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी।
जिनमें कार्डियक इंजरी नहीं थी उनमें से 4.5 फीसदी में नान इनवेसिव और 4.2 फीसदी में इनवेसिव वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी। कार्डियक इंजरी वाले मरीजों में सांस लेने की परेशानी 58.5, जबकि दूसरे मरीजों में 14.7 फीसद देखी गई। इनमें किडनी इंजरी 8.5 और अन्य में 0.3 फीसद मामले आए। इलेक्ट्रो लाइट असुंतलन इनमें से 15.9 फीसद में हुआ और अन्य मरीजों में इसके 5.1 फीसद मामले सामने आए। शोध रिपोर्ट का हवाले देते हुए हृदयरोग विशेषज्ञों का कहना है कि हम लोग कोरोना के कारण होने वाले दिल की परेशानी को लेकर सतर्क हो गए हैं। अभी तक तो ठीक है लेकिन पहले से तैयारी जरूरी है।