लखनऊ, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर का प्रसार उत्तर प्रदेश में गति पकड़ा चुका है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के कारण कोविड के मरीजों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई है। बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में 2,57,694 नमूनों की जांच की गई जिसमें कोरोना संक्रमण के 17,185 नए केस सामने आए। इस अवधि में कोरोना संक्रमित 10 मरीजों की मौत ने दहशत बढ़ा दी है। प्रदेश में अब कोरोना संक्रमण के 1,03,474 सक्रिय केस हो गए हैं।
प्रदेश में बीते 24 घंटे के दौरान सर्वाधिक 2392 नए मरीज लखनऊ में मिले हैं। इसके अलावा जिन अन्य जिलों में कोरोना के ज्यादा मरीज मिले हैं, उनमें 2099 गाजियाबाद में, 1498 गौतम बुद्ध नगर में, 1206 मेरठ में, 537 वाराणसी और 515 रामपुर में पाये गए हैं। वहीं, संक्रमण से गाजियाबाद, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, गाजीपुर, चंदौली, बस्ती, बलिया, श्रावस्ती व भदोही में एक-एक मरीज की मृत्यु हो गई।
बीती पहली जनवरी को प्रदेश में कोरोना के महज 1211 रोगी थे। सिर्फ 15 दिनों में ही प्रदेश में एक लाख से ज्यादा रोगी बढ़ गए हैं। इन संक्रमित रोगियों में से 1096 ही अस्पतालों में भर्ती हैं। बाकी मरीज होम आइसोलेशन में घर पर रहकर ही अपना इलाज करा रहे हैं। प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक 3.10 लाख सक्रिय केस 30 अप्रैल 2021 को थे। उस दिन सूबे में कोविड के 34,626 नए मरीज मिले थे। कोरोना संक्रमण फिर वही रफ्तार पकड़ रहा है।
अपनी गति पर टीकाकरण अभियान
प्रदेश में अब तक 22 करोड़ 89 लाख लोगों को कोविड टीके की डोज लगाई जा चुकी है। यह देश के किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टीकाकरण है। 30 जिलों में 95 प्रतिशत से अधिक लोगों को टीके की पहली डोज मिल चुकी है। गौतमबुद्ध नगर सहित पांच जिलों की पूरी वयस्क आबादी टीके की पहली डोज की सुरक्षा प्राप्त कर चुकी है। प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 93.21 प्रतिशत लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है, जबकि 58.28 प्रतिशत से अधिक लोग कोविड टीके की दोनों डोज ले चुके हैं। शनिवार तक 15 से 18 आयु वर्ग के करीब 37 प्रतिशत किशोरों ने टीका कवर प्राप्त कर लिया है और तीन लाख 87 हजार पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज भी मिल चुकी है। एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग, त्वरित ट्रीटमेंट और तेज टीकाकरण की नीति से प्रदेश में कोविड की स्थिति नियंत्रण में है।
सीएम योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि सभी निगरानी समितियां घर-घर पर दस्तक दें। संदिग्ध लोगों की पहचान करें, टेस्ट कराएं और मेडिकल किट उपलब्ध कराएं। इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स को पूर्णत: सक्रिय रखा जाए। होम आइसोलेशन के लोगों से हर दिन हाल-चाल पूछा जाए। उन सभी के स्वास्थ्य की निगरानी होती रहे।
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