हज हाउस में कोरोना मरीजों ने किया हंगामा, इलाज न मिलने की शिकायत
लखनऊ में हज हाउस में कोरोना के मरीजों ने किया हंगामा 24 घंटे बीतने के बाद भी इलाज न मिलने की शिकायत।
लखनऊ, जेएनएन। कोरोना के बढ़ते मरीजों से शहर के कोविड हॉस्पिटल फुल हो चुके हैं। ऐसे में, कुछ मरीजों को हज हाउस में भर्ती कराया गया है। जहां भर्ती कोरोना मरीजों ने उचित इलाज न मिलने की शिकायत करते हुए हंगामा किया। मरीजों का आरोप है कि 24 घंटे बीतने के बाद भी कोई डॉक्टर इलाज करने नहीं आया। वहीं, मरीजों की यह भी शिकायत है कि लगभग 50 मरीजों की निगरानी के लिए महज एक नर्सिंग स्टाफ लगाया गया। साथ ही यहां कोई डॉक्टर भी नहीं है और न ही उचित चिकित्सीय सुविधाएं मिल रहीं हैं। खाने व नाश्ते के लिए भी सुबह से मरीज तरस रहे हैं।
हज हाउस में भर्ती राजकीय निर्माण निगम में इंजीनियर सुलव मुखर्जी ने मंगलवार को बताया कि वह ड्यूटी के दौरान कार्यालय में एक कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आ गए थे। तीन दिन पहले उन्होंने जांच कराई तो वह भी पॉजिटिव निकले। बीते सोमवार को उनको हज हाउस में भर्ती करा दिया गया। उन्होंने बताया कि यहां करीब 50 और मरीज भर्ती हैं। उनकी शिकायत है कि कल शाम को भर्ती करने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी भी तरह का कोई इलाज नहीं दिया जा रहा है। 50 मरीजों के लिए केवल एक नर्सिंग स्टाफ रखा गया है। मरीजों के खाने-पीने की भी कोई व्यवस्था नहीं है। जिसे लेकर भर्ती मरीजों ने हंगामा किया। जिसके बाद मंगलवार को दिन में मरीजों खाना दिया गया।
बिन बिजली के रात भर गर्मी में परेशान रहे मरीज : सुलव ने शिकायत की यहां बिजली की भी व्यवस्था ठीक नहीं है। पूरी रात बिजली भी नहीं थी जिससे सारे मरीज रात भर गर्मी से बेहाल, परेशान रहे।
रामसागर मिश्रा अस्पताल बीकेटी व लोकबंधु अस्पताल फुल होने के बाद सोमवार को बिना लक्षण वाले मरीजों को हज हाउस भेजा गया। यहां पहुंचे लोगों का आरोप है कि हज हाउस में पानी पीने की व्यवस्था नहीं है। रात में बिजली जाने पर जनरेटर भी नहीं चलाया गया। वहीं, रात करीब 12 बजे एंबुलेंस से कुछ अन्य मरीज भी वहां पहुंचाए गए। मरीजों को आते देख पहले से मौजूद मरीजों ने हंगामा शुरू कर दिया। उनका कहना था कि स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां लगातार मरीजों को भेज रही है, लेकिन व्यवस्थाएं नहीं कर रही है। इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस ने मरीजों को समझाकर शांत कराया।
इस बाबत, एसीएमओ डॉ. केपी त्रिपाठी का कहना है कि हज हाउस में 1000 मरीजों को भर्ती करने का इंतजाम किया गया है। मरीजों की संख्या के अनुसार वहां खाने से लेकर अन्य सभी तरह के इंतजाम किए जा रहे हैं। नौ डॉक्टरों की टीम लगाई गई है। एक शिफ्ट में तीन डॉक्टर हैं। डॉक्टरों के साथ चार अन्य कर्मचारी भी मौजूद हैं। मरीज अनायास ही आरोप लगा रहे हैं।