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Positive India : अखबार से नहीं होता कोरोना संक्रमण..निडर होकर पढ़ें

Positive India हर हाथ में पत्र रूपी मित्र अखबार से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की कोई आशंका नहीं है। देश-दुनिया में चल रहे शोध से भी आप खुद को अपडेट करते रहें।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Mon, 06 Apr 2020 11:47 AM (IST)Updated: Mon, 06 Apr 2020 11:47 AM (IST)
Positive India : अखबार से नहीं होता कोरोना संक्रमण..निडर होकर पढ़ें
Positive India : अखबार से नहीं होता कोरोना संक्रमण..निडर होकर पढ़ें

लखनऊ, जेएनएन। PositiveIndia : विशेषज्ञों और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर हम कोरोना वायरस के संक्रमण को रोक सकते हैं। इससे डरने की कतई जरूरत नहीं है। इसके संक्रमण से खुद को बचाया जा सकता है। घर में रहकर आप अपनी सामान्य दिनचर्या जारी रखें। लॉकडाउन का घर में रहकर पालन करें। अखबार पढ़ें, कोरोना से संबंधित देश-दुनिया में चल रहे शोध से भी आप खुद को अपडेट करते रहें। अखबार से कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की कोई आशंका नहीं है।

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किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर अभिजीत चंद्रा कहते हैं कि अखबार से कोरोना का संक्रमण होने की संभावना नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसे नकारा है। इसलिए लोग इस बात को मन से निकाल दें कि अखबार से संक्रमण हो सकता है।

डॉ. चंद्रा कहते हैं कि अखबार की छपाई से लेकर वितरण तक हर तरह के एहतियात बरते जा रहे हैं। यही नहीं अखबार की छपाई में पेट्रोलियम बेस्ड इंक का प्रयोग किया जाता है। इसके चलते इस पर किसी भी तरीके के वायरस का टिकना नामुमकिन है। इन दिनों खासतौर पर जब लॉकडाउन है और लोगों के पास ज्यादा कुछ करने के लिए नहीं है। ऐसे में रीडिंग एक सबसे अच्छा समय गुजारने का माध्यम है। वह चाहे अखबार हो या पुस्तकें। अखबार द्वारा आपको देश दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए मिलती हैं। साथ ही अखबार द्वारा लोगों की मानसिक स्थिति को देखते हुए लगातार ऐसे लेख प्रकाशित किए जाते हैं, जिससे मन शांत होता है। बच्चे हों, बुजुर्ग हों या युवा, अखबार में हर व्यक्ति के लिए उनकी रुचि के अनुसार सामग्री दी जाती है। ऐसे में जब लोग वर्तमान हालातों के चलते कुछ अवसाद में हैं तो किताबें व अखबार उनके अच्छे दोस्त साबित हो सकते हैं। इसलिए, अखबार से अपना पुराना रिश्ता कायम रखें और हर रोज अखबार अवश्य पढ़िए। डॉ. चंद्रा कहते हैं कि कोरोना के भारत में अभी तक जितने भी मामले सामने आए हैं वे सभी लोग प्रत्यक्ष संपर्क के चलते वायरस की चपेट में आए हैं। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।

निडर होकर पढ़ें अखबार

आरएमएलआइ डॉ. केके यादव के मुताबिक, अखबार जानकारी का सबसे बड़ा स्नोत है। इससे हमे देश-दुनिया की ताजा खबरें मिलती हैं। अखबार पढ़ने से कोरोना नहीं होता है। हम सभी प्रतिदिन अखबार पढ़ते हैं। इसमें हर छोटी-बड़ी जानकारी होती है। स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश, देश व विदेश की समस्त ताजा सूचनाएं अखबार के जरिए ही प्राप्त होती हैं। ज्ञान के भंडार को बढ़ाने वाला है। विद्यार्थियों, शोधार्थियों व ज्ञानार्जन के इच्छुक सभी लोगों के लिए बेहद उपयोगी है। निडर होकर अखबार पढ़ें, किसी भ्रांति में न पड़ें।


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