Corona In UP: यूपी में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमित, 24 घंटे में 616 में हुई संक्रमण की पुष्टि
Corona In UP उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण एक बार फिर अपने पैर पसार रहा है। शासन के निर्देश के बावजूद कोरोना टेस्ट लगातार कम हो रहे हैं। वहीं 17 दिन बाद नए संक्रमितों के मुकाबले ज्यादा मरीज ठीक हुए हैं।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Corona In UP प्रदेश में बीते 24 घंटे में 45,829 लोगों की कोरोना जांच हुई तो उसमें से 616 लोग संक्रमित पाए गए। 17 दिनों के बाद नए मिले मरीजों के मुकाबले कहीं ज्यादा रोगी स्वस्थ हुए हैं।
कोरोना की जांच में आई कमी, 24 घंटे में कम हुई संक्रमितों की संख्या
- 27 जुलाई को 491 नए मरीज मिले थे और 498 स्वस्थ हुए थे। वहीं शनिवार को 989 मरीजों के स्वस्थ होने के कारण सक्रिय केस घटकर 5,632 हो गए हैं। बीते शुक्रवार को छह हजार से ज्यादा सक्रिय केस थे।
- स्वास्थ्य महानिदेशालय के निर्देशों के बावजूद जिलों में कोरोना जांच कम ही की जा रही है। कम कोरोना जांच होने के कारण ही बीते 24 घंटे में नए मरीजों की संख्या में भी गिरावट देखने को मिली है।
- वहीं बीते शुक्रवार को 69,207 लोगों की कोरोना जांच की गई थी और उसमें से 1,002 लोग संक्रमित पाए गए थे। 11 अगस्त को 63,137 लोगों की जांच की गई तो उसमें से 1,029 लोग संक्रमित पाए गए थे।
- इसी तरह 10 अगस्त को 59,140 लोगों की जांच में 940, नौ अगस्त को 63,559 लोगों की जांच में 943 और आठ अगस्त को 53,919 लोगों की जांच में 732 लोग संक्रमित मिले थे।
- प्रदेश में करीब ढाई लाख लोगों की प्रतिदिन कोरोना जांच हो सकती है और न्यूनतम एक लाख जांच करने के निर्देश हैं।
13 प्रतिशत बच्चों ने नहीं लगवाई टीके की दूसरी डोज
प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान में अभी तक 13 प्रतिशत बच्चों ने टीके की दूसरी डोज नहीं लगवाई है। 12 वर्ष से 14 वर्ष तक की उम्र के कुल 84.64 लाख बच्चों को टीका लगाया जाना है।
अभी तक शत-प्रतिशत बच्चों ने वैक्सीन की पहली और 73.37 लाख बच्चों ने दोनों डोज लगवा ली है। यानी अभी 13 प्रतिशत बच्चों को टीके की दूसरी डोज लगाई जानी है। बच्चों को कोरोना से बचाव के लिए टीके की दोनों डोज लगाने के लिए सभी जिलों के सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूलों में टीकाकरण के लिए अब ज्यादा कैंप लगाए जाएं। बचे हुए करीब 11.27 लाख बच्चों को चिन्हित कर उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन लगाई जाए। साथ ही इसके लिए अभिभावकों को भी जागरूक किया जाए।