बिना लक्षण वाले कोरोना संक्रमितों को अस्पताल से 10 दिन बाद छुट्टी, सात दिन घर पर रहेंगे क्वारंटाइन
गाइड लाइन के अनुसार ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें छुट्टी दी जाएगी।
लखनऊ, जेएनएन। यूपी में बिना लक्षण वाले कोरोना मरीजों को अब 10 दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। कोई लक्षण न दिखने पर उन्हें बिना कोरोना जांच के ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद इन मरीजों को अपने घर में सात दिन क्वारंटाइन रहना होगा। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने मरीजों की डिस्चार्ज पालिसी में बदलाव किया है।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि आइसीएमआर की गाइड लाइन के अनुसार ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण पाए जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है, उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी। फिलहाल सभी कोविड-19 अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वह नई पालिसी के अनुसार मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दें।
अभी तक कोरोना मरीजों को अस्पताल से 21 दिन बाद ही छुट्टी दी जाती थी। अब उन्हें जल्द छुट्टी मिलेगी और वह घर पर क्वारंटाइन रहेंगे। उधर सभी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वह कोविड-19 हेल्प डेस्क को सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे तक अनिवार्य रूप से खोलें। अस्पताल आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग भी ढंग से की जाए। इसके लिए हेल्प डेस्क पर इंफ्रारेड थर्मामीटर व पल्स आक्सीमीटर इत्यादि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में अब कोरोना के 6237 एक्टिव केस हैं।
रैंडम सैंपलिंग पर होगा और जोर : प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच के लिए अब रैंडम सैंपलिंग पर और जोर दिया जाएगा। इसके तहत अब सब्जी, फल व अनाज मंडियों में विशेष अभियान चलाकर रैंडम सैंपलिंग की जाएगी। वहीं, प्रदेश के सभी जिलों में वृद्धाश्रम और बाल सुधार गृह में कोरोना की जांच करवाई गई। फिलहाल यहां नतीजे राहत देने वाले हैं। सिर्फ तीन जिलों के वृद्धाश्रम और दो जिलों के बाल सुधार गृह में कोरोना का संक्रमण पाया गया। यहां पर बचाव व उपचार का काम तेजी से किया जा रहा है। फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने दावा किया है कि अभी तक प्रदेश में कम्युनिटी स्प्रेडिंग नहीं हुई है। प्रदेश के जिन तीन जिलों के वृद्धाश्रम में कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं उनमें सुल्तानपुर, कुशीनगर और जालौन शामिल है। वहीं जिन दो जिलों के बाल सुधार गृह में कोरोना संक्रमित बालक व बालिकाएं मिली उनमें मेरठ व कानुपर शामिल है। प्रदेश भर में 172 बाल सुधार गृह हैं। फिलहाल जिन वृद्धाश्रम व बाल सुधार गृह में कोरोना मरीज पाए गए हैं, अब वहां सभी की जांच करवाई जाएगी।
17 जिलों में झुग्गी-झोपड़ी में कोरोना के रोगी : रैंडम सैंपलिंग के तहत की गई कोरोना जांच में 75 जिलों में से 58 जिलों की झुग्गी-झोपड़ी में कोई भी व्यक्ति संक्रमित नहीं पाया गया। सिर्फ 17 जिलों में झुग्गी-झोपड़ी में कोरोना के रोगी पाए गए हैं। यहां कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग सर्तक हो गया है। प्रदेश में जिन गांवों में प्रवासी श्रमिक वापस लौटे हैं वहां भी रैंडम सैंपलिंग करवाई गई है। इसके साथ ही होम डिलीवरी सेवा से जुड़े लोग, सेल्स मैन व अस्पतालों में पंजीकरण काउंटर के कर्मचारी, फार्मासिस्ट और आयुष्मान मित्रों की भी कोरोना जांच की जा रही है।
4.96 करोड़ लोगों का हुआ सर्वे : कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 1.30 लाख सर्विलांस टीम गठित की गई हैं। इन्होंने अभी तक प्रदेश भर में 97.33 लाख घरों में रहने वाले 4.96 करोड़ लोगों का सर्वेक्षण किया गया है। वहीं प्रदेश भर में लौटे प्रवासी श्रमिकों में से 17.75 लाख लोगों के घरों पर आशा वर्कर द्वारा संपर्क किया जा चुका है।