कोरोना और डेंगू मरीजों को मिल सकेगा रक्त का शुद्ध अवयव
लखनऊ जेएनएन। राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में अब रक्त के शुद्ध अवयव आसानी से बनाए जा सकेंगे।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में अब रक्त के शुद्ध अवयव आसानी से बनाए जा सकेंगे। इसके लिए अस्पताल को करीब 20 लाख रुपये की प्लेटलेट सेपरेटर मशीन सौंपी गई है। यह मशीन मरीजों के खून से प्लेटलेट को भी अलग करेगी। मशीन का सबसे बड़ा फायदा डेंगू और कोरोना पीड़ित मरीजों को होगा, जिनमें अक्सर प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।
अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने बताया कि इस मशीन के जरिये मरीजों के खून से प्लेटलेट निकालना अब आसान हो गया है। अभी तक पुरानी मशीन थी, जो अक्सर खराब हो जाती थी। कई बार उसकी मरम्मत कराई गई, लेकिन बीच-बीच में वह खराब हो जाती थी। इसके बाद नई मशीन के लिए आग्रह किया गया था। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त एक एलाइजा रीडर मशीन भी अस्पताल को मिली है। इसके जरिये डेंगू और एचआइवी समेत कई तरह की जांच आसानी से हो सकेंगी।
बलरामपुर अस्पताल में रोजाना औसतन डेंगू के करीब 15 मरीज आ रहे हैं। डेंगू वार्ड में 20 से 25 की संख्या में मरीजों को भर्ती भी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की स्क्रीनिग में मिले 200 नए टीबी मरीज
सक्रिय क्षय रोग खोज अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने 10 दिनों में शहर में 200 नए टीबी मरीज खोजे हैं।
सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि दो से 11 नवंबर तक मलिन बस्तियों व सघन क्षेत्रों में चलाए गए अभियान के दौरान 6.4 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इस अभियान में 5.50 लाख लोगों की स्क्रीनिग का लक्ष्य रखा गया था। वहीं, जिन लोगों में 15 दिनों से अधिक समय से बुखार, वजन में कमी, खांसी के साथ खून आना जैसे दूसरे लक्षण थे उनकी स्क्रीनिग की गई। इनमें से कुल 1416 लोगों में टीबी की आशंका जाहिर की गई। इनके बलगम और खून की दूसरी जांच कराई गई। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके ने बताया कि जांच में सामने आए 200 टीबी रोगियों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जा रहा है। इनकी पहचान हो जाने से कम से कम 3000 अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचा लिया गया। टीबी मरीजों की एचआइवी, डायबिटीज व कोरोना की जांच भी कराई गई है।